व्यवसायिक संगठनों का चुनाव किस प्रकार किया जाता है?
मॉर्निंग बच्चों को लिए आप सबका ऑनलाइन क्लास में हार्दिक स्वागत करता हूं आज हम 11वीं कक्षा के व्यवसाय अध्ययन विषय अंतर्गत व्यवसायिक संगठनों का चुनाव किस प्रकार किया जाता है? इस पर चर्चा करेंगे आज हम जानेंगे कि छोटे स्तर पर व्यवसाय करते हैं तो वहां की व्यापार क्यों चुना जाता है तो वहां संगठन क्यों किया जाता है और बड़े स्तर का व्यवसाय शुरू करते हैं तो वहां पर कंपनी संगठन क्यों|
तो चलिए शुरू करते हैं कि छोटे पैमाने कि युद्ध पर मध्यस्थ नियुक्त और बड़े स्तर के व्यवसाय के लिए कंपनी संगठन को अधिक उपयोगी माना जाता है है तो अब तक हम जो है वह कुछ व्यापारों के प्रारूप के बारे में हम पढ़ चुके हैं आज हम नया चैप्टर शुरू कर रहे हैं या चैप्टर के अंदर सबसे पहले हम व्यवसायिक संगठन के रूप में कि कैसे किया जाता है और साथी व्यवसाय प्रारंभ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें फिर हम समस्या उत्पन्न हो सकती हैं अब हम यहां से शुरू करेंगे तो ही इंपोर्टेंट चैप्टर और बहुत ही आसानी से समझ में आने वाला है
तो चलिए शुरू करते हैं सबसे पहलेकितने प्रकार के व्यवसायिक संगठन हमारे होते हैं जैसे कि सहकारी संगठन, कंपनी इत्यादि यह अब दिमाग में यह प्रश्न उठता है कि क्योंकि प्रत्येक व्यवसाय संगठनों के स्वरूप अलग अलग विशेषताएं होती हैं इसीलिए इसका स्पष्ट रूप से तो हम नहीं कह सकते कि कौन सा श्रेष्ठ रहेगा क्योंकि एक प्रारूप किन्हीं विशिष्ट परिस्थितियों में उपयोग तरह सकता है तो दूसरा के लिए विशिष्ट परिस्थितियों में उपयुक्त रहेगा और दूसरा अन्य परिस्थितियों में रहेगा
अतः व्यवसायिक संगठन का चयन करते समय कुछ बातों का जो महत्वपूर्ण बातें जो उनको ध्यान में रखना है जब हम व्यवसाय संगठनों के स्वरूप का चयन करना चाहिए ने द्वारा बताई गई बातों के बारे में चर्चा कर लेते हैं सब्सक्राइब पूंजी की आवश्यकता व्यवसाय में पूंजी लगाने में का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है पूंजी की आवश्यकता व्यवसाय के पैमाने और उसकी प्रकृति पर निर्भर करेगी निर्माण संस्था को एक परचून की दुकान से अधिक पूंजी की आवश्यकता पड़ेगी निर्माण हो गई जो निर्माण कार्य करें जिसकी बिल्डिंग बनाना सड़क इत्यादि बना हुआ था|
बड़े अपार्टमेंट्स बनाना उसकी उसको बहुत ज्यादा पूंजी की आवश्यकता पड़ेगी अगर हम कंपेयर करें परचून की दुकान से शुरू कर सकते हैं तो निर्माण कंपनी से कितना डिफरेंस आज नहीं तो कल और अगर अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी तो फिर संगठन कंपनी संगठन अब स्कूल कर सकता है लेकिन अधिक पूंजी की व्याख्या करने के लिए तो हमेंजो उसकी आवश्यकता पड़ेगी जिसमें अधिक लोगों की सहायता से पूंजी लगाई जा सकती हैं
दूसरे पर चलते हैं के स्वामियों का दायित्व (लायबिलिटीज आफ डोनर्स) सामान्य व्यक्ति प्रारूप में जोखिम कम होता है न्यूनतम होता व्यवसाय के स्वामियों को अधिक अच्छे लगते हैं सभी अभियुक्त लाभ की मात्रा तथा नियुक्तियों का दायित्व एसिड होता है कि व्यापार और साझेदारी व्यवसाय में स्वामियों का दायित्व ऐसे में एसिड की स्थिति में व्यवसाय के स्वामी की निजी संपत्ति एक निजी संपत्ति जोन की प्राइवेट प्रॉपर्टी है व्यवसाय की संपत्ति के साथ जुड़ी रहती है
मगर कोई प्रॉब्लम गई तो यहां से कवर कर सकते हैं कि युवा और पार्टनरशिप अर्थ कहने का मतलब व्यवसाय में हानि होने पर व्यक्तिगत संपत्तियों का प्रयोग नियुक्त दूसरी कंपनियों में अधिकारियों का दायित्व के प्रति टन का भुगतान करने के लिए उत्तरदाई नियुक्त संपत्ति को व्यवसायिक प्रयोग में नहीं लाया जा सकता कहा जा सकता है कि जिन व्यवसायियों में जोखिम अधिक वहां कंपनी संगठन का चुनाव कर लेना चाहिए और व्यवसाय में जोखिम कम है वहां पर नियुक्त आधारित व्यवसाय का ही चुनाव करना सही रहेगा है अगला पॉइंट अपना मैं सुविधा अ कि व्यवसायिक संगठनों के प्रारूप के चुनाव को व्यवसाय की स्थापना के समय पूरी की जाने वाली औपचारिकताओं में भी प्रभावित करेंगे|
एक संयुक्त पूंजी कंपनी को प्रारंभ करने के लिए विशेषज्ञ व्यक्तियों और अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है क्योंकि इसकी स्थापना के समय औपचारिकताओं को पूरा करना होता है वहीं दूसरी ओर संयुक्त हिंदू परिवार ख्याल को बिना अधिक उपभोक्ताओं के प्रारंभ किया जा सकता है जो व्यवसाय अधिक औपचारिकताएं पूरी करने में सक्षम ना वहां पर उनको कंपनी की स्थापना का विचार छोड़ देना चाहिए निरंतरता और तब यदि किसी संस्थान में निरंतरता और तरुण तो को प्रशिक्षित एवं विशेषज्ञ व्यक्तियों की तरह संस्था में प्रवेश करेंगे और संस्था अपेक्षाकृत अधिक उन्नति करेंगे व्यवसायिक संगठन के कंपनी प्रारूप में यह सारी विशेषताएं विद्यमान है क्योंकि सदस्यों के आने-जाने का इसकी स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है वहीं दूसरी ओर व्यापार-व्यवसाय की मृत्यु होने पर व्यवसाय ही बंद हो जाता है इसी प्रकार साझेदारी व्यवसाय में भी निरंतरता एवं तार की कमी पाई जाती है|
निरंतर ध्यान में रखें तो कंपनी संगठन अधिक महत्वपूर्ण उपयोग अगला पॉइंट टैक्स लाइबिलिटी कम न्यूनतम हो वह सबसे उत्तम समझा जाता है कि व्यापार एवं साझेदारी की एक कंपनी में काम करता है अधिक होता है अपने व्यवसाय का पैमाना जितना छोटा होगा कर दायित्व भी उतना ही कम होगा इस दृष्टिकोण से अगर हम देखें तो एक कि व्यापार तथा साझेदारी व्यापार व्यवसायिक संगठन में अधिक उपयोगी रहने वाला है अगर हम करता अगला पॉइंट पर बंद की आवश्यकता प्रबंधक एवं प्रशासनिक व व्यवसायिक संगठन के प्रारूप के चुनाव को प्रभावित कर सकती हैं |
यदि व्यक्ति केवल स्थानीय प्रति छोटे लोकल तो प्रबंधक नियुक्त व्यक्ति काफी इस तरह के व्यवसायियों की स्थापना नियुक्ति की जा सकती है वहीं दूसरी ओर व्यवसायिक क्षेत्र बड़ा ज्यादा बड़े क्षेत्र में फैला हुआ तो व्यवसायिकता की नियुक्तियों और सब्सक्राइब में बहुत अधिक उपयोगी रह सकेगा जब व्यवसाय यह बहुत बड़े पैमाने पर व्यवसाय करना है यह बहुत लार्ज इन कि अगर हम सोचे तो पूरे नेशनल लेवल पर अगर हम करना एग्जांपल के लिए तो व्यवसाय के विभिन्न विभागों को प्रबंध के लिए विशिष्ट व्यक्तियों की स्थिति में कंपनी संगठन का चुनाव कर लेना चाहिए व्यापार और व्यवसाय दोनों ही विषयों के प्रश्न पारिश्रमिक सैलेरी इवन न खर्च नहीं कर पाएंगे |
और भविष्य में तरक्की के अवसरों के अभाव में इन संस्थाओं में विशेषज्ञ व्यक्ति प्रवेश करना पसंद नहीं करते तो जब स्कूल तो फिर हम कंपनी संगठन का चुनाव कर लेना चाहिए उसे छोटे पर हो तो फिर नियुक्तियां फिर फिर उसी प्रकार से समस्या उत्पन्न हो सकती हैं को लॉक शेल्टर फ्लेक्स प्लेट 1 अपने व्यवसाय के जीवन में ऐसी अनेक परिस्थितियां आती हैं भविष्य में जिन के अनुसार परिवर्तन करना बहुत जरूरी हो जाता है अतः व्यवसाय का प्रारूप ऐसा होना चाहिए जिसमें बदलती हुई परिस्थितियों के अनुरूप परिवर्तन किया जा सके आसानी से इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखें तो साझेदारी और कंपनी संगठन के कि व्यापार अधिक उपयोगी नजर आता है क्योंकि अपने व्यवसाय पर पूर्ण नियंत्रण और समय और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं ख्याल स्वरूप में परिवर्तन किया जा सकता है तो व्यापार में पाई जाती है कि उसके बाद आ जाता है|
उत्पादन के लो प्रोडक्शन व्यवसायिक संगठन का प्रारूप निर्धारित करने में उत्पादन के पैमाने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता उत्पादन बहुत बड़े स्तर पर हो और आधुनिक तकनीक के उपयोग द्वारा प्राप्त करना तो कंपनी संगठन करना चाहिए और यदि छोटे स्तर पर आवश्यकतानुसार संबंधित संगठन या फिर किसी में से चुनाव कर सकते हैं कि युवा वैज्ञानिक डा कि व्यवसायिक आर्थिक दृष्टि से उपयोगी होने के साथ वैधानिक दृष्टि से भी उपयोगी होना चाहिए व्यवसाय सुचारू रूप से तब स्कूल जा सकता है जबकि उससे संबंधित विधान और नियुक्त रूल रेगुलेशन जब तक किसी भी व्यवसाय को आसानी से चलाया जा सकता |
उदाहरण से समझने का प्रयास करें तो भारत में साझेदारी अधिनियम कंपनी अधिनियम सहकारी समिति के संबंध में कानून बने हुए विधान है और नियुक्तियों का जीवन अनिश्चित और विवाह पूर्ण होने बहुत अधिक शांति रहते हैं व्यवसायिक संगठन का प्रारूप चुना जाए यह वैधानिक दृष्टि से उपयुक्त होना चाहिए नियुक्त कर सकते हैं और उसके बाद में दसवां पॉइंट हमारा गोपनीयता की आवश्यकता यदि किसी व्यवसाय में व्यवसाई रहस्यों की गोपनियता वंचित हो जरूरी हो तो व्यापार सबसे अच्छा रहेगा जब स्कूटर कंपनी संगठन में व्यवसाय करें को गोपनीय रखना मुश्किल होता है रखा जा सकता तो जहां पर चीजें सिर्फ अपने तक सीमित रखने किसी और को ना तो वहां पर समझा सकते हैं या फिर कंपनी लास्ट पॉइंट सरकारी नियंत्रण गवर्नमेंट कंट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने वाले व्यवसाय के रूप में का व्यापार
सरकारी नियमों को पालन करना होता है व्यवसायिक संगठन के रूप में उड़ जाना चाहिए इसमें सरकारी नियमों का पालन भी आसान हो जाएं और व्यवसाय में भी धन अधीर व उपयोगी सिद्ध होगा क्योंकि व्यवसायिक संगठन के प्रारूप तय करने के बाद उसे बदलना बहुत ही कठिन हो जाता है इसीलिए उन व्यवसायिक संगठन के चुनाव का निर्णय बहुत ही सोच विचार कर लेना चाहिए उपयुक्त जो हमने पॉइंट पड़े हैं 11 इस महत्वपूर्ण निर्णय को प्रभावित करते हैं अर्थात किसी एक घटक यह जो पॉइंट से इसको घटक घटक के आधार पर निर्णय नहीं लेना चाहिए घटकों को अनुकूलतम संतुलन स्थापित करना आवश्यक तत्व छोटे पैमाने पर नियुक्त चुनाव करने मध्यस्थ नियुक्त करें यह बहुत बड़े लेवल पर अगर में व्यवसाय करना है तो कंपनी संगठन चूज करना |
जो है वह सही निर्णय रहेगा जहां तक हम सार्वजनिक उपयोगिता की बात करें तो वहां पर सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न प्रारूपों का चुनाव हम कर लेंगे ठीक है तो यह में व्यवसायिक संगठन शुरू करना तो उसके चुनाव के समय में सरकार का गठन करना चाहिए जो सबसे बड़ी खराब कर लेना चाहिए चलते हैं का व्यवसाय प्रारंभ करते समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें या तो हमें क्या समस्या सकते हैं बहुत ही महत्वपूर्ण पॉइंट हैं सबसे पहले व्यवसाय का चुनाव यह परिवर्तन की कार्यप्रणाली में सबसे पहले लिया जाने वाला निर्णय व्यवसाय का चुनाव होता कि मुझे कौन सा व्यवसाय करना है व्यवसाय का चुनाव सोच-समझकर करने की आवश्यकता होती है एक बार व्यवसाय आरंभ करने के बाद उसे बंद करना चाहिए हमेशा ही जोखिमपूर्ण हानिकारक ही रहेगा या फिर बहुत कठिन हो जाता व्यवसाय के चुनाव में सबसे पहले व्यवसाय के प्रकार का निर्णय लेना चाहिए किस प्रकार का विघ्न प्रकार के होते हैं |
सबसे पहले ट्रेडिंग घाघरे में नियुक्त नियुक्त किया और सेवा में ट्रांसपोर्ट कंप्यूटर से रिलेटेड एंट्रीज रिलेटिव व देंगे इस क्षेत्र में आ जाते हैं इसके जरिए है कि वस्तुओं और में का व्यवसाय किया जाएगा और यह देखा जाता है कि उसके लिए कच्चा माल मशीनें श्रमिक अधिक कहां से उपलब्ध होंगे तो शुरू करें लेकिन अधिकार मिलेगा तो फिर क्या होगा टाइम वेस्ट होगा |
बाजार सर्वेक्षण के आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कितने क्षेत्र में इस तरह से उपभोक्ताओं को और मात्रा में सब्सक्राइब करने से पहले वह की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वस्तुओं की क्वालिटी इसकी कीमत उसकी पैकिंग को भी निश्चित किया जा सकता है
दोस्तों की लागत और संभावित विक्रय मूल्य के आधार पर व्यवसाय की लागत अनुमान पहले ही लगा सकते हैं मैं अपना प्रॉफिट बढ़ाना ना तो हम अपने वस्तुओं की कीमतें नहीं बढ़ाने हमें अपने वस्तुओं की लागत को कम कर लेना है वह क्या होगा कि मार्किट में प्रॉफिट भी हमारा व्यवसाय करते हुए दो प्रमुख तीन दिन बातों को ध्यान में रखना है उसमें सबसे पहला जो घाघरे में जितने जोखिम कम होगा उतना ही सब्सक्राइब कर लेना चाहिए फिर की नियुक्ति व्यवसाय में लाएंगे ऊपर ला सकते हैं और के अंदर व्यवसाय के अंदर होना चाहिए सब्सक्राइब कच्चा माल कहां से ला पाएंगे |
युद्ध में कितने लोग नाम करते समय ध्यान रखना दूसरे व्यवसाय है अपने व्यवसाय की चैन के बाद उसके आकार का निर्णय कर लेना चाहिए व्यवसाय का आकार जितना इतना बड़ा होना चाहिए कि प्रति इकाई औसत उत्पादन लागत न्यूनतम मतलब जो भी प्रोडक्ट हम बनाना है उसमें बनाने की उसकी लागत को कम से कम हो जाता है कि युद्ध में को एक अनुकूलतम इकाई की स्थापना करने चाहिए बिलकुल ही लगानी चाहिए देखने में आता है कि बड़े पैमाने पर व्यवसाय से अधिक प्राप्त होती लेकिन ख्याल निश्चित करते समय यह भी जरूरी है कि ध्यान रखें कि पूंजी व उत्पादन के साधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध गांव लेकिन हम बहुत बड़ा व्यवसाय कैसे लगा सकते हैं सब्सक्राइब महीनों में रखना है कि क्या उत्पाद की प्रकृति ऐसी है कि उसे बड़े पैमाने पर तैयार किया जा सकता है |
जैसे कि फिगर जो व्यवसाय करते हैं कि उसका स्टॉक किया जा सकता है क्या उसकी खबर इतनी ज्यादा है शहर में ठीक है तो यह तो बड़ी जल्दी जो है वह खत्म हो जाए हमारी जाए इसी प्रकार उद्यमी को आधुनिक हम किसको कहते हैं जिसमें व्यवसाय शुरू करना है यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि क्या उसे पर्याप्त मात्रा में वह प्रबंध क्षमता रखता है या नहीं रखता अगर वह प्रबंधन क्षमता बाहर से उपलब्ध करवा सकता है मतलब सैलरी पर रख सकता है या नहीं कर सकता यह भी ध्यान रखने वाली बात है फिर अगला पॉइंट व्यवसाय करता हूं है नवीन व्यवसाय के लिए स्थान उपयुक्त होना बहुत ही आवश्यक है तांत सभी प्रकार के व्यवसाय के लिए उपयुक्त नहीं होता एक फुटकर व्यापारियों के लिए शहर के मध्य भीड़-भाड़ वाले स्थान उपयोग इसके विपरीत अगर बात करें तो एक निर्माण संस्था के लिए अनुपयुक्त यहां पर आसानी से मिल जाए वातावरण और बाजार के निकट हो और की नियुक्ति तो
कि व्यवसायिक स्थान का चयन हो जाता है जब उसके बाद में व्यवसायिक संगठन के स्वरूप का चयन करना चाहिए जो आज की वीडियो में हमने पहले पढ़ा था स्वामित्व की दृष्टि से व्यवसाय राखी स्वामी साझेदारी या फिर से मुक्त पूंजी कंपनी हो सकती है तो हमने यह पब्लिक है पहले ही किस प्रकार से स्वरूप चेंज करना अगर व्यवसाय का आकार छोटा है|
जो हमने 11 पॉइंट पड़े थे उसमें जो भी हमारा व्यवसायिक संगठन स्वरूप फिट बैठता है हम US का चुनाव कर लेंगे मिस्टर है ने कहा था कि व्यवसायिक संगठन अध्ययन करते समय कुछ कट को ध्यान में रखने का सुझाव दिया तो पड़े थे जैसे कि पूंजी की आवश्यकता पड़ेगी स्वामियों का जो है वह के ऊपर ध्यान रखना में कितने रेगुलेशन कर सकते हैं कि मेघनाद की आवश्यकता घृत ध्यान रखना उत्पादन के पैमाने पर हमें ध्यान रखना है कि युवाओं को अपनी वेबसाइट स्वरूप चूज करना है तो यह सारी चीजें हुए ध्यान में रखना होगा फिर उसके बाद में संगठन संरचना का निर्धारण करने में संगठन संरचना का अभिप्राय एक संस्था में कार्यरत सभी व्यक्तियों के मध्य संबंधों की स्थापना करने से संगठन संरचना के अंतर्गत संस्था के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नियुक्त पदों की स्थापना की जाती है |
क्योंकि प्रत्येक पर व्यक्ति ही कार्य करते हैं इसे उसके अंतर्गत व्यक्तियों के मध्य संबंधों को निश्चित करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है अथवा व्यक्तियों के मध्य संबंध स्थापित करने का अर्थ यह नहीं कि सब्सक्राइब व्यक्ति या संगठन संरचना देख सकते हैं जैसे कि संगठन संयुक्त संगठन मंत्री संगठन समिति युवा कि मैं जो है वह आगे इन फ्यूचर में भी डिटेल में आएगी यह सारी की सारी चीजें वहां पर भी आप पढ़ सकते हैं इन सब के अनेक गुण दोष होते हैं इनके गुणों का अध्ययन करने के पश्चात संगठन संरचना का निर्णय लेना चाहिए तो चलिए अगले फ्लाइट दो संगठन संरचना जो मैंने आपको कुछ उदाहरण दिए |
जैसे कि देख संगठन क्रियात्मक संगठन समिति संगठन इत्यादि लेकिन सभी काम में ध्यान में रख लेना चाहिए हमें किस प्रकार का जो और संगठन का चुनाव करना है बार-बार हम इनको परिवर्तित करने में कठिनाई होती है अगला पॉइंट कर्मचारियों की व्यवस्था अरेंजमेंट फॉर पर्सनल संगठन संरचना तैयार करने के बाद में निश्चित किए गए विभिन्न पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने चाहिए और प्रथम विभिन्न प्रकार के कर्मचारियों की आवश्यकता का अनुमान लगाया जाता है इसके बाद में यह पता किया जाता है कि अवश्य करें यहां से उपलब्ध इसके लिए रोजगार एजेंसी की मदद ले सकते हैं शिक्षण संस्थाओं की मदद ले सकते हैं उन लोगों की मदद ले सकते हैं या फिर एंप्लॉयमेंट ऑफिस की मदद ले सकते हैं |
रिक्त पदों का विज्ञापन करके वंचित कर्मचारियों को भर्ती करने चाहिए मैं पहले इच्छुक व्यक्ति अपना आवेदन पत्र भेजेंगे इसके बाद साक्षात्कार करके उनका चयन कर लेंगे फिर उनको प्रशिक्षण की ट्रेनिंग देंगे जो हमने उनसे करवाना है तो यह सारी चीजें ध्यान में रखना है कि सही समय पर सही व्यक्ति की नियुक्ति की नियुक्ति होने पर पूरे कर सकते हैं अगले वित्तीय पूंजी व्यवसाय प्राणों में में ही यह दूसरा था कि पूंजी जितनी होगी उसी सब्सक्राइब करें यह मात्रा में उपलब्ध होने चाहिए पूंजी उपलब्ध होने पर ही व्यवसाय सफल और निरंतर संचालन की नियुक्ति हो सकते हैं पूंजी की आवश्यकता थी संपत्ति है जिसको फीचर्स एसिड कहते हैं जो हमारा एकाउंटिंग टर्म है चल संपत्ति इसको करंट एसेट के नाम से जानते हैं और दैनिक कार्यों के भुगतान के लिए जरूरी होती है|
कुल पूंजी कितनी हो और उसमें दीर्घकालिक पूंजी तथा अल्प कालीन पूंजी की मात्रा कितनी कितनी हो कि यह व्यवसाय के आकार और प्रकृति पर निर्भर करता है जैसे निर्माण संस्था यह करूंगी तो उनको दूर खेलन पूंजी की आवश्यकता अधिक पड़ेगी और अल्पकालिक पूंजी की आवश्यकता कम पड़ेगी चलिए यह हमारे आलू हमारे करंट टाइम पर नियुक्त व्यापारिक संस्थाओं की जो बिजनेस करते हैं उनको की अधिक आवश्यकता पड़ेगी को समय-समय पर बाजार पूंजी की आवश्यकता पड़ेगी और सब्सक्राइब करने वाली नियुक्तियों और सकते हैं जैसे कि पूंजी की मात्रा का निर्धारण की मात्रा का निर्धारण करते समय में व्यवसाय की तारीख और चालू पूंजियों सब्सक्राइब करें चालू करें करेंगे उन लोगों को जोड़कर को जोड़ कर प्राप्त कर लिया जाता है संपत्तियों में मुख्य रूप से कि भूमि भवन मशीनरी फर्नीचर इत्यादि सम्मिलित किए जाते हैं जबकि चल संपत्ति में कच्चा माल तैयार किया गया माल की लागत किसी को पैसा देना है कि पैसा देवेंद्र कुशवाहा नियुक्त को चल संपत्ति में जिन्होंने पैसा करें हमारी पूंजी की मात्रा का निर्धारण करते समय व्यवसाय के विचार किया जाना चाहिए जिस तरह का निर्धारण पूंजी की मात्रा का निर्धारण के बाद में पूंजी के विभिन्न क्षेत्रों का निर्धारण किया जाता है
फ्रंट पर नियुक्त जो पैसा बाहरी व्यक्ति लगाते हैं उनके छोटे से छोटा डिटेल में टेंशन फ्र लिए बैंक से ऋण लेकर भी प्राप्त किया जा सकता है इसके अलावा प्रतिभूतियों का समय और मूल्य जो सिक्योरिटी सामने क्रीम का प्राइस और कितने टाइम कि युद्ध का निर्धारण हो जाने के बाद में स्थित किया जाता है कि युद्ध कब और किस गांव में पैसा वापिस कर नियुक्त कर लेता महत्वपूर्ण अगर आप व्यवस्था हो जाने के बाद भूमि-भवन मशीन प्लांट फर्नीचर की व्यवस्था की जाए तो हम संपत्तियों की संख्या पर निर्भर करेगी कि प्रकृति पर निर्भर करेगी व्यवसाय का आकार बड़ा खरीदने का जो अपने व्यवसाय शुरू किया उसकी प्रकृति निर्माण होगी तो भी अधिकांश दंपतियों की आवश्यकता पड़ेगी
हमने पढ़ा था अब हम ट्रेडिंग काम करते हैं तो हमें इन संपत्तियों करें बड़ी ही सावधानी पूर्वक करना क्योंकि इसमें बहुत बड़ी पूंजी व्यवसाय की लग जाएगी और फिर बाद में परिवर्तन करना मुश्किल हो जाएगा को करते समय व्यक्ति करता हूं से पूछताछ कर लेने चाहिए विक्रेता कम मूल्य पर हममें से कर लेना चाहिए क्योंकि हमारी जो यहां पर बहुत सारी यहां पर फिर करें संयंत्र की स्थापना प्लांट को लगा लेते हैं की मशीनरी व अन्य उपकरणों की व्यवस्था करने के बाद अब उन्हें कारखाना भवन में लाने की बारी आ जाती है कारखाने के अंदर मशीनरी एवं अन्य उपकरणों को उचित स्थान पर हिट कर देना चाहिए कि स्थापना इस प्रकार होने चाहिए कम से कम में को फिट कर दिया और सामग्री पर काम करते समय किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करें यह जो है वह लगातार चलता रहा है |
और मशीन का अधिकतम उपयोग कर सकें तो यह ध्यान रखना अपने प्लांट मशीनरी को फिट करने पर कहां पर है कौन से बिल्डिंग के निर्माण का यह सारी की सारी चीजें कर लेना है और फिर इसके बाद आखिरी पॉइंट व्यवसाय आरंभ करना चाहिए हमने कर ली व्यवसाय का चुनाव कर लिया पैमाना चूज कर ले स्थान चूज कर लिया संगठन का स्वरूप व्युअर्स कर लिया संरचना सामने निर्धारण कर लिए कर्मचारियों की भी हमने व्यवस्था कर ली हमने पैसे का भी अरेंजमेंट कर लिया हमने सारी संपत्तियों की व्यवस्था कर ली हमने अपना प्लांट भी लगा लिया अब व्यवसायिक हम शुरू कर लेते हैं उपरोक्त प्रक्रिया को पूरा करने के बाद व्यवसाय आरंभ करने की बारी आ जाती है उत्पादन के सभी साधनों की व्यवस्था हो जाने संगठन ढांचा तैयार हो जाने और सभी पदों पर कर्मचारियों और श्रमिकों की नियुक्ति पर नियुक्त प्रधान की स्थिति जाति विशेष अब यहां पर गदर के लोगों को बाजार दर से उपलब्ध होने वाले नए उत्पाद के सभी गुणों की जानकारी हम कुछ ही दिन में एक और उत्पादन शुरू हो जाता है और दूसरी ओर बाजार में उपभोक्ता जो प्रोडक्ट प्यार करना है उसके मांग करने लग जाते हैं मतलब जैसे ही व्याघ्र करके और यहां पर हमने अपना है वहां पर एक प्रोडक्ट की जानकारी देंगे
जैसे डिमांड करने लगे गांव व्यवसाय करते समय इस प्रकार के अंतर्गत एक नए विचार को अवस्थाओं से गुजरते हुए शुरू कर दिया अब यह विचार नियुक्त होने पर प्रारंभ किया जा सकता है लेकिन कंपनी मेघनाद को पूरा करना है तो कि इस तरह की चीजें जो है वह हमारी कंपनी की स्थापना की तैयारी चैप्टर में हमने इसको पड़ा था तो यह था आज हमारा टॉपिक है कि व्यवसायिक संगठनों के प्रारूप का चयन जिसके अंदर हमने व्यवसायिक संगठन के स्वरूप का जेवन झाल चर्चा की और साथ-साथ व्यवसाय प्रारंभ करते समय किन किन बातों का हमें मुख्य बातों का ध्यान रखना है कि हमें किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े कि आप सबका आज के ऑनलाइन क्लास के लिए धन्यवाद

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें