प्रशिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा प्रशिक्षण की विशेषताएं और आवश्यकता | कर्मचारी विकास
आप सबका आज के ऑनलाइन क्लास में स्वागत करता हूं आज हम 12वीं कक्षा के व्यवसाय के अंतर्गत प्रशिक्षण एवं विकास नामक विषय पर चर्चा करेंगे तो बच्चों आज का हमारा टॉपिक प्रशिक्षण एवं विकास ट्रेंनिंग एंड डेवलपमेंट विषय में चर्चा करेंगे तो आज हम सीखेंगे इस टॉपिक अंतर्गत प्रशिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा प्रशिक्षण की विशेषताएं आवश्यकता प्रशिक्षण शिविर में के कर्मचारी विकास और हम चर्चा करेंगे कर्मचारी विकास की आवश्यकताओं पर और साथ ही साथ हम अपने टॉपिक का अंत करेंगे प्रशिक्षण और विकास में अंतर करके|
चलिए टॉपिक शुरू करते हैं टॉपिक शुरू करने से पहले बड़ी ही महत्वपूर्ण बात है जो आपकी स्क्रीन पर प्रशिक्षण से कर्मचारियों की निपुणता में वृद्धि होती है जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण संपत्ति है तो यहां संपत्ति व कर्मचारियों के लिए कहा गया यह संपत्ति कंपनी की स्थिति में नहीं जो कंपनी की बैलेंस शीट विवरण प्रस्तुत करती उसके अंदर की संपत्ति से संबंधित कर्मचारी फिर भी कंपनी की प्रगति पर इनका प्रभाव होता है इसके लिए कंपनी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते कर्मचारियों का बहुत महत्व होता है हमारी कंपनी में हमारी फैक्ट्री में तो उनके लिए हमें क्या करना चाहिए हमें उनको प्रशिक्षण देना चाहिए क्या नहीं देना चाहिए परीक्षा टेंथ प्रशिक्षण क्या होता है आज हम उसके विषय में जान लेते हैं |
तो सबसे पहले प्रशिक्षण का अर्थ हमेशा की तरह परिभाषा से - "एक विशेष कार्य को करने के लिए कर्मचारी के ज्ञान व कौशल में वृद्धि करने के काम को ही प्रशिक्षण कहा जाता है कि दूसरे को जो भी कर्मचारी को कर रहा है जो को कार्य सौंपा गया उसके प्रति उसका ज्ञान बढ़ाना है और उसकी कार्य करने की कुशलता में वृद्धि करनी है इस चीज को प्रशिक्षण के नाम से जानते हैं |"
दूसरी परिभाषा - "प्रशिक्षण प्रक्रिया है जिसके द्वारा विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए है जो कर्मचारी को करें वॉल्यूम की प्रवृत्ति मतलब और कार्य के प्रति क्या सोचते हैं उनकी नहीं पड़ता है वह कार्य में कितनी कुशलता प्राप्त करते हैं और कार्य करने की उनके पति योगिता जून में वृद्धि की जाती है इस प्रक्रिया को प्रशिक्षण के नाम से जानते हैं|"
तो सबसे पहले मन में एक प्रश्न यह उठता है कि क्या प्रशिक्षण जरूरी है कि अनिवार्यता है तो हमें यह समझ लेना जरूरी होगा कि प्रशिक्षण दिया जाता है अगर समझने का प्रयास संस्था कर्मचारियों के प्रशिक्षण की ओर कोई ध्यान नहीं चाहिए कि उसने प्रशिक्षण पर होने वाले खर्चे को बचा लिया कि इस प्रशिक्षण बढ़ जाता है कर्मचारी नियुक्त करें फिर गलती को मालूम करें और उसके बाद गलती को दूर करने का प्रयास करें यह प्रशिक्षण जो कि नियुक्त महंगा पड़ता है इस प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारी समय और धन की बर्बादी करते हैं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया ही जाना चाहिए जो कि संस्थान कर्मचारी दोनों ठीक हित में होगा जो मेरी डेफिनेशन भी घी जो है वह हमारी भूमिका निभा रहे हैं यह बताने का प्रयास करें कि प्रशिक्षण व कर्मचारियों के लिए कितना महत्वपूर्ण है मतलब जो प्रशिक्षण
प्रशिक्षण लिया उसकी क्वालिटी की वस्तु बना सकता पर वस्तु को बना सकता है और कम समय में उसको बना सकता है जिसमें करना पड़ेगा कम समय में ज्यादा अच्छी क्वालिटी की वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण लेते हैं तो अगर हम अच्छे से समझ सकता है और अगर आप अच्छे से समझ में आ जाता तो हम इसकी विशेषताएं बना सकते हैं को सबसे पहले इसकी विशेषता प्रशिक्षण पर खर्च विनियोग है ना कि आप प्रशिक्षण की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यही है कि इस पर किया गया खर्च खर्च नहीं होता अर्थात प्रशिक्षण पर खर्च किया जाएगा ताकि लंबे समय तक तरह का योग न जाकर रिटर्न मिलेगा उसके बदले में कुछ फायदा मिलेगा जो है
वह प्रशिक्षण पर खर्च कर रहे हैं तो यह सबसे बड़ी विशेषता प्रशिक्षण विशेषज्ञ संबंधित प्रशिक्षण व कर्मचारियों के सामान्य ज्ञान में वृद्धि करना नहीं होता बल्कि इस के द्वारा उनको किसी विशेष कार्य में विशेष कार्य करके जो कर्मचारी घोषित करने वाला है तो वह इस कार्य से संबंधित प्रशिक्षण होता है संस्था व कर्मचारी दोनों के लिए लाभदायक होता है प्रशिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे सरकार दोनों को ही प्राप्त है और यह संस्थान कम लागत में अधिक उत्पादन होना शुरू हो जाता है वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ने से कम समय में अधिक और बहुत अच्छा उत्पादन अधिक पारिश्रमिक पीर वो और सबसे बड़ी चीज किसी कार्य को करने का प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते हैं तो उस हुए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में बहुत अधिक तो यह बेनेफिट्स मिल रहा है |
दोनों को हम सब जानते हैं कि अगर हमें बढ़ाना है तो हम वस्तुओं की कीमत बढ़ाने की वजह उसकी लागत कम करने का प्रयास करें मार्किट में अच्छे ढंग से कर सकते हैं और अपनी प्रॉफिट को बिना वस्तुओं की कीमत बढ़ा सकते हैं अघ्र्य लगाओ निकलती है प्रक्रिया प्रशिक्षण कोई एक ऐसी प्रक्रिया नहीं है जो किसी कर्मचारी को हमेशा के लिए एक ही बार में कार्य संबंधी पूर्ण ज्ञान प्रदान कर दे संस्थान में जब भी कोई नई कार्यविधि आएगी कोई नई टेक्निक हम जो है वह प्रयोग करेंगे तो प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस होगी अर्थात जब व्यवसाय में कोई भी परिवर्तन होता है तब तक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और व्यवसाय में परिवर्तन होते रहते हैं समय-समय पर तो प्रशिक्षण लगातार चलने वाली प्रक्रिया है अगला पॉइंट हमारा प्रशिक्षण तथा विकास में अंतर होता प्रशिक्षण तथा प्रशिक्षण का अर्थ होता है वह कर्मचारियों के बीच कार्य पूर्ण होता है
विकास के अंतर्गत सभी क्षेत्रों में जानकारी प्रदान करने के बाद में करें थोड़ा सा ही जिसका इंट्रोडक्शन है सिर्फ का प्रशिक्षण सत्रों के कर्मचारियों के लिए जरूरी होता है कि युद्ध में अधिक महसूस होती है तो हम डिफरेंट जब लास्ट में पढेंगे इस टॉपिक में तलाशी का वीडियो देखेएगा तो उसमें आपको इसका अंदर जो है वह ज्यादा डिटेल में समझाया जाएगा प्रशिक्षण और शिक्षा में अंतर कि प्रशिक्षण द्वारा किसी विशेष कार्यों को करने के लिए कर्मचारियों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि की जाती हैं जबकि शिक्षक द्वारा कर्मचारियों के सामान्य ज्ञान व समझ में वृद्धि की जाती है अगर हम उदाहरण से इस चीज को समझने का प्रयास करें और कि जब एक कर्मचारी को कुछ पुर्जों को जोड़कर एक नई मशीन बनाना सिखाया जाता तो यह प्रशिक्षण कहलाता है जबकि कोई व्यक्ति इंजीनियरिंग का कोर्स करता है तो इसे हम शिक्षक श्रेणी में रखते हैं मेरे अगले विशेषता सभी कर्मचारियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षित स्टाफ हो गया जिसका आम बजट बनाना है दैनिक उत्पादन की सूची तैयार करने का कार्य करने का कार्य रिकॉर्ड रखने का मतलब स्कूल किसी भी प्रकार का होता है घ्र घ्र प्रबंधक प्रबंधक प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ती है
जैसे मैंने भी बताया कि सभी से निम्न स्तर का हो समय तक पहुंचे उच्च स्तर का हो सभी शत्रुओं पर जो है वह प्रवण क्षेत्रों पर जो है वह प्रशिक्षण की आवश्यकता हमें होती है अगला पॉइंट चाहिए के प्रशिक्षण की आवश्यकता अभी इसी ऑनलाइन क्लास के अंदर हमने प्रशिक्षण की अनिवार्यता पर थोड़ी चर्चा की थी कि अगर कोई सोच ले कि मैं प्रशिक्षण पर होने वाले खर्चे को बचा लूं तो उसका हमने जो है वह नुकसान उदाहरण के द्वारा जो है वह समझने का प्रयास किया था कि एक कर्मचारी गलती करेगा फिर उसको गलतियां ढूंढने का प्रयास करेगा फिर उस गलती को दूर करने का प्रयास करेगा जिससे वह अपने समय को और पैसे को और जो कच्चा माल है उसको जो आपको बार-बार खराब करेगा तो वह कस्टम जगह बहुत है महंगी पड़ जाएगी |
लेकिन आज जब की व्यवसायिक जगत में लगातार परिवर्तन हो रहे तो प्रशिक्षण की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है दिन प्रतिदिन विभिन्न कार्य करने के लिए नई-नई तकनीकों का विकास हो रहा है जिसकी वजह से बार-बार प्रशिक्षण देने की आवश्यकता जो है वो कर्मचारियों को रहती है के लिए थोड़ा सा और डिटेल में इस टॉपिक हम समझते हैं संस्था को क्या लाभ हो सकता है प्रशिक्षण की कि अब सकता अगर हम महसूस करें तो सबसे पहले माल और मशीन का सही प्रयोग संस्था में कार्य करने वाले प्रत्येक कर्मचारी चाहे किसी भी स्तर का चुनाव माल एवं मशीन का प्रयोग करता है उदाहरण के लिए निम्न स्तर पर उत्पादन कि युवाओं एवं माल का प्रयोग होता है उद्धरण पर कार्यालय में कंप्यूटर कंप्यूटर पर सब कुछ सामग्री का प्रयोग में प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ती फिर उसके बाद में उत्पादन में सुधार उत्पादन की मात्रा में सुधार हो जाता है प्रशिक्षण से जिसके चलते उत्पादन लागत में कमी यह मैंने आपको पहले बताया कि अगर हमें बढ़ाना है तो हम अपने वस्तु की कीमत ज्यादा किए बगैर अगर हम इसकी कॉस्ट कंट्रोल को बनाने की घृणा को कम करो तोहरा प्रॉफिट ऑटोमेटिकली बढ़ जाएगा यह समझ लेना जरूरी है कि उत्पादन का अभिप्राय मशीनों द्वारा तैयार की गई बल्कि सभी प्रबंध किए जाने वाले कार्यों से सब्सक्राइब करें और में वृद्धि और अच्छे से करना शुरू कर देते हैं यह था|
प्रशिक्षित कर्मचारी अपने कार्य में निपुण हो जाते हैं मतलब कार्यरत ना बहुत कुशलता से करने लग जाते हैं जिसके कारण पर वैकुंठ सुपरवाइजर जो उनके काम की देखरेख करता है उसको अधिक समय नहीं लगता और इस बचे हुए समय को सदुपयोग करके रचनात्मक कार्यों में कर सकता है कि श्रम परिवर्तन जरूर अनुपस्थिति में कमी कर्मचारी संस्थान के वातावरण और कार्य से अधिक संतुष्ट हो जाते हैं जो व प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते हैं क्योंकि उनको काम करने के तरीके आ जाते हैं उससे क्या होता है कि उनकी संस्था को छोड़कर जाने और अनुपस्थित रहने की जो एक कर्मचारी के अंदर जो है बढ़ती है वह खत्म हो जाती है |
फिर ग्रहणशीलता में वृद्धि लगातार प्रशिक्षण से कर्मचारियों का मानसिक विकास होता है परिणाम स्वरूप होता है वह नई तकनीकों को अतिशीघ्र स्वयं ही ग्रहण करने लगते हैं इसके अलावा नई चीजों को सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं तो यह और कर्मचारियों को प्रशिक्षण कार्य क्षमता में वृद्धि की इस प्रशिक्षण में किसी विशेष कार्य को विधिपूर्वक करने की कला सिखाई जाती है इससे कर्मचारियों की कार्य करने की क्षमता बढ़ती हैं दूसरा वह अपने कार्यकुशलता में वृद्धि कर लेते हैं दूसरा पॉइंट बाजार मूल्य में वृद्धि की को प्रशिक्षित कर्मचारियों का बाजार मूल्य अधिक होता है बाजार मूल्य अधिक होने से भी प्राय उन्हें दूसरी संस्थाएं अधिक पारिश्रमिक पर नियुक्त करने के लिए हमेशा तैयार रहती है तो रिजल्ट क्या होता है कि यदि किसी कर्मचारी की अजय को एक संस्था में जो है वह अनकंफर्टेबल फील हो रहा है वह अच्छे से महसूस नहीं कर पा रहा है तो इसको लगाया है कि से कम परिसर मिल रहा है तो वहीं दूसरी संस्थाओं में आसानी से जा सकता है तो यह कर्मचारियों को यह लाभ होगा फिर इसके अलावा दुर्घटनाओं में कमी आती दुर्घटनाओं में कमी आने से |
वहीं दूसरे कर्मचारियों को उनके जीवन जीने की कला दुर्घटनाओं से बचे रहते हैं और यह प्रशिक्षण की सबसे बड़ा संतोष जी कि एक कर्मचारी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण जो बात होती है वह कार्य संतोषी अति जॉब साइट्स पर है अर्थात वह है जो कार्य कर रहा है उसे पूरा करने के प्रति वह संतुलित रहता है किसी कार्य से पूरी तरह से संतुष्टि तभी मिलती है जब एक कर्मचारी उस कार्यों को करने में निपुण हो वह इसमें आनंद महसूस करता है तथा कार्य में निपुणता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण बहुत जरूरी है अतः प्रशिक्षण द्वारा कर्मचारियों को अपने कार्य में संतुष्टि प्राप्त होती है और उनके अंदर एक मोटिवेशन पैदा होता है कि आत्मविश्वास वह उन चैनल डेवलप होता है कुछ कर्मचारियों के सामने दो तरीके से|
अगले टॉपिक पर चलते शिक्षण की विधियां वह कौन-कौन सी सकते हैं घ्र मे ने प्रशिक्षार्थियों को एक मशीन अथवा कार्यशाला दवा प्रयोगशाला में किसी विशेष कार्य को करने के लिए कहा जा सकता उनके साथ में अनुभवी कर्मचरियों कोई विशेषज्ञ पर्यवेक्षक के द्वारा औजारों का प्रयोग किया ही को मशीन को चलाना किस प्रकार से वह चलानी है यह सभी काम जगह सिखाते हैं एक नार्मल चीजों कि मैं बात कर रहा हूं
लेकिन हम आज पढेंगे कि हम किस किस प्रकार से जगह विधियां से वापस दो तरीके हैं कार्य पर प्रशिक्षण दिया |चलिए सबसे पहले पढ़ते हम कार्य पर प्रशिक्षण मतलब है जॉब करते करते हैं या उसी कार्यस्थल पर कार्य करते-करते जो है वह किस प्रकार से ट्रेनिंग दी जा सकती है सबसे पहला पॉइंट नवसिखुआ कार्यक्रम कि अपरेंटिस आपने सुना होगा यह सब इस विधि का प्रयोग वहां किया जाता है जहां किसी विशेष कार्य पूर्णत कि प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता कंप्लीट जहां पर है वह किसी कार्य को करने की दशा वहां पर हम नव है सिकुड़ कार्यक्रम जगह चलाते हैं इसमें प्रशिक्षण लेने वाले व्यक्ति को एक निश्चित समय तक किसी विषय के साथ काम करना पड़ता है जैसे उदाहरण अगर हमने तो बिजली का काम हो गया|
तो वह क्या करता है कि किसी व्यक्ति के साथ जिनको जिसको बिजली का काम बहुत अच्छे से आता है वह उसके साथ जो है वो काफी महीने रहकर प्रैक्टिस करता है प्लंबर का काम हो गया लोहार का काम हो गया दी इसी प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाते हैं प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा कार्य कि कि सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक दोनों पहलुओं की पूर्ण जानकारी दी जाती है तो फिर दूसरा शिक्षकों की नियुक्तियों को पहले से काम कर रहे हैं किसी अनुभवी व्यक्ति को कहा जा सकता है कि कुछ समय तक वरिष्ठ प्रबंधक की कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास करता है इसके साथ घृणा करता रहता है तो इस प्रकार की शिक्षा देने को कहते हैं जिसमें सीनियर के साथ जूनियर को छोड़ दिया जाता है
प्रशिक्षण इंटेंसिव ट्रेंनिंग उसको कहा जाता है संयुक्त प्रशिक्षण प्रणाली द्वारा तकनीकी संस्थाएं या व्यवसायिक संस्थाएं मिलकर अपने सदस्यों को प्रदान करती हैं इस प्रशिक्षण का उद्देश्य सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक जीवन में संतुलन स्थापित करना होता है मतलब छोटी-छोटी और प्रैक्टिकल हैं हम बैलेंस बनाकर इस प्रशिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करती हैं लेकिन व्यवहारिक ज्ञान के लिए को सबस्क्राइब जाता है मतलब स्कूल और फिर से वह बाहर की फैक्ट्री किसी कंपनी में अपने यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दे कि इस विधि का उद्देश्य क्या होता है एक अधिकारी को संस्था के सभी विभागों की जानकारी प्रदान करना अधिकारी को पहले एक विभाग देंगे जैसे कि उत्पादन विभाग दे दिया फिर उसके बाद थोड़े समय बाद उसको जगह गृह विभाग दे दिया |
फिर थोड़े समय उसके बाद जो है वह इसको वाणिज्य विभाग दे दिया तो ऐसे ही जगह बदली करके जो है वो हम उसको प्रत्येक कार्य का प्रशिक्षण दे सकते हैं तो हमारे पास कार्य पर प्रशिक्षण की चार विधियां हैं अब जान लेते हैं कार्य सेट करें कि आफ्टर चौक ट्रेनिंग किस प्रकार करती है सबसे पहला जाता है कक्षा व्याख्या क्लास वृक्ष अब इस प्रशिक्षण में प्रबंधकों के सैद्धांतिक ज्ञान की वृद्धि की जाती है अर्थात उन्हें विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए नई-नई जानकारियां दी जाती हैं जैसे कि आप अ कक्ष में सीखते थे अभी तो नहीं लग पा रही है लेकिन अब हम उसी का ही ऑनलाइन जो है वह वर्जन कर रहें हैं जो कि लड़ने के नाम से जाना जाता है तो यह क्लास रूम चेंज आएगा उनको सिखाई जाती है फिर चलती तक कि फिल्म सिटी अधि चलचित्र एक बहुत ही जो है प्रचलित प्रविधि है जहां कौशल का प्रदर्शन करना जरूरी हो इसका सम्मेलन चर्चाओं निकल कॉन्फ्रेंसेस इत्यादि में बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है इन छोटी-छोटी फिल्में दिखाकर भी प्रशिक्षण जगह दिया जा सकता है|
फिर कंप्यूटर मॉडलिंग कि यह कंप्यूटर पर आधारित प्रशिक्षण होता है जिसमें प्रसिद्ध ट्रेन जो होता है अपने कौशल में वृद्धि के लिए कंप्यूटर का प्रयोग करता है इस विधि में प्रयोग वहां होता है जहां पर प्रशिक्षण अधिक जोखिम और महंगा हो जैसे कि टाइम को प्रभावहीन बनाने की ट्रेनिंग के लिए नहीं कर सकते इसमें करें कंप्यूटर द्वारा छोटे-छोटे प्रोग्राम बनाकर हम इस तरह की ट्रेनिंग देते हैं तो फिर हमारा जाता है पर कॉस्ट शाला प्रशिक्षण इस पद्धति के अंतर्गत नहीं कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से अलग से एक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना कर ले अनुभव एवं प्रशिक्षित शिक्षकों को शिक्षक नियुक्त कर दिया जाता है इस केंद्र में हजारों और मशीनों को लगाया जाता है ताकि कारखाने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है वह तैयार की जाती है
और वहां पर को प्रशिक्षण दिया जाता है तो फिर आ जाता है नियोजित अनुदेश प्रोग्राम टेंशन इस पद्धति के जन्मदाता जो है वह Bigg Boss यह यदि असंतुष्ट होकर इस पर विचार समय में सबसे बड़ी समस्या सभी पहलुओं पर विचार किया जाता है जबकि विदेशों में इसे सब्सक्राइब के ऊपर किया जाता है नियोजित अनुदेशक में एक संक्षिप्त घटना को कक्षा में विचार के लिए रखा जाता है शिक्षक एवं विद्यार्थी आपस में उसके ऊपर तर्क-वितर्क करते हैं और समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं है सर इस विधि का मुख्यालय इसमें विद्यार्थी प्रशिक्षक से पूछकर महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठी कर लें तो हमारे पास में यह कुछ क्षण डिपेंड करता है कंपनी कंपनी को इस प्रकार से कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए का प्रस्ताव दिया अब बात कर लेते हैं कर्मचारी भी खा लो तो क्या होता कर्मचारी विकास प्रबंधकों को संपूर्ण प्रभावशाली बनाना और भविष्य में अधिक जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार करना कर्मचारी विकास कहा जाता है या फिर कहें तो मानव संसाधन विकास जो हमने पहले पिछले चैप्टर में कि इस सौदे से क्या होता है इस संस्था में ऐसे प्रबंधक तैयार करना जो वर्तमान में बढ़िया काम तो करेंगी लेकिन सांसद भविष्य में ऊंचे पद पर जाकर अधिक उत्तरदायित्व वहन करने योग्य भी बन सकें |
क्रमिक विकास छोटा सा अर्थ है है तो के कारण परिणाम सहजता से योजना व कर्मचारी जो है वह ले सकें इस प्रकार की चीजें आसानी से चीजों को समझ सकते हैं यह कुछ कर्मचारी विकास के जो है वह सकते हैं इसके कुछ विशेषताएं करने का प्रयास कर लेते हैं और थोड़ा सा चलिए हो जाएं तो कर्मचारी विकास का क्या है कि उनको भविष्य में और उत्तरदायित्व लेने योग्य बनाने के प्रबंधकों को
सबसे पहले प्रबंधकों से संबंधित में यही था कि इसका अर्थ था प्रबंधकों को भविष्य में और उत्तरदायित्व नियुक्त कर्मचारियों को आता है कि प्रकरण जो है वह करंट जो अभी वो काम कर रहे हैं उसमें तो उनको एपिसेंटर बनाना है साथ भविष्य में भी और ज्यादा अच्छा कार्य करने के योग्य उनको बनाना फिर भविष्य में अधिक ध्यान दे रहे हैं डेफिनेशन में यह भविष्य के लिए और अधिक उत्तरदाई बनाना है तो भविष्य पर ध्यान केंद्रित प्रति संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर जोर देते हैं संघ का मतलब उसके क्राइम डेवलपमेंट हम करते हैं किसी को नहीं छोड़ा जाता भविष्य को ध्यान में रखा जाता है कि भविष्य में इस प्रकार से हम किसी भी ले सकते हैं तो वह संपूर्ण व्यक्तित्व के ऊपर विकास की बात करते हैं फिर उसके बाद हमारा जाता था प्रशिक्षण के स्थान पर शिक्षण-प्रशिक्षण तो एक तरह से इंडस्ट्रियल एरिया वह बहुत ज्यादा चलता है कि को वर्कर से काम करवाना होता है|
फिर इसके अलावा भी हो सकती है छुपी प्रतिभा को विकसित करें कि उपयोग में लाना हो सकता है कि कोई ऐसा हमारे पास में जो है प्रबंधक हो जिसके पास में दूसरा विवाह हो जब हम उनके अभिभावकों की बदली करते हैं जो हम एक विभाग से दूसरे विभाग में उनको बेचते हैं वहां कर्मचारी विकास के अंतर्गत आता है तो वहां पर हो सकते हैं किसी विभाग में वह बहुत अच्छा कार्य पर पैर और अगर हम इसे पहलुओं को नहीं अपनाते हैं कर्मचारी विकास के ऊपर नहीं सकते हैं प्रशिक्षण के ऊपर नहीं चलते हैं तो हो सकता है कि हम उसे वह काम कभी इन भविष्य में दे ही ना पाएं तो एक भी सबसे बड़ी विशेषता है कि यह कर्मचारी विकास किए थे लास्ट में तार्किक योग्यता जो है वह इसके अंदर डेवलप होती है तो कर्मचारी विकास में |
जैसे कि डेफिनेशन में भी ताकि और अधिक उत्तरदाई तो इनके लिए तैयार करते हैं तो इसका कर्मचारी भी खासकर सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि चार की योग्यता इसके अंदर डेवलप की जाती है मतलब तर्क देना वह इसके अंदर सीखते हैं कि अब कर्मचारी विकास की आवश्यकता के हम बात कर लेते हैं हैं सबसे पहला पॉइंट इसके अंदर आ जाता है हमारा आवश्यकता के अंदर कर आर्थिक उत्तरदायित्व प्रबंध को अधिक उत्तरदायित्व वहन करने योग्य जो है भोग बनाता है कर्मचारी विकास फिर दूसरा पार्ट हमारा प्रबंधकों की पदोन्नति का रास्ता तैयार करता है कि डेवलपमेंट फोरम ने बात की थी कि भविष्य के लिए जो है वह तरह तो सेंड करने योग्य बनाता है तो उनकी भविष्य में पदोन्नति होने के चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं फिर उसके बाद में प्रबंधकों में कारण और परिणाम में संबंध स्थापित करने की योग्यता भी पैदा हो जाती है |
और उसके बाद में के प्रबंधकों में प्रभावी निर्णय लेने की शक्ति भी पैदा होती है तो इस तरह से ना इन सभी पॉइंट्स को गर्म देखिए तो भविष्य की तरफ इशारा कर रहे हैं सभी के सभी बैंक है और कार्यकुशलता में वृद्धि हो जाती है है और प्रबंधकों का बाजार मूल्य भी बढ़ जाता है जब वह प्रशिक्षित होते हैं अच्छी प्रकार से इनकी विकास कि हम बात करते हैं छह प्रकार से तो फ्यूचर में इनको किसी दूसरी कंपनी से या मार्केट कि इनकी वैल्यू जो है वह बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि यह पूर्ण रूप से भविष्य के लिए एक तरह से प्यार प्रबंधक के रूप में वह मार्केट में अवेलेबल होते हैं चलिए आज का हमारा
लास्ट पॉइंट प्रशिक्षण और विकास में अंतर तो हम बेसिस पर चलते हैं और उसके बाद में मैं इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण और विकास के बारे में चर्चा करना सबसे पहले अर्थ प्रशिक्षण में ज्ञान और कुशलता वृद्धि की बात की जाती हैं उसकी प्रक्रिया की बात करते हैं हम जबकि विकास में हम सीखने की प्रक्रिया की बात करते हैं ठीक है प्रशिक्षण में ज्ञान और कौशल वृद्धि की बात करते हैं हम जॉब विकास के अंदर हम सीखने की प्रक्रिया कि हम बात करते हैं |
फिर उद्देश्य प्रशिक्षण का उद्देश्य कार्य संबंधी विशेष कुशलता वृद्धि करना होता है हमने डेफिनेशन से हमने पढ़ा था सिर में विशेष कार्य जबकि विकास का उद्देश्य एक व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व में वृद्धि करना होता है तीसरा कैरियर का प्रशिक्षण जॉब प्रधान प्रक्रिया है जबकि जो विकास जब को कैरियर प्रधान पर जड़िया प्रशिक्षण से जल्दी से सब्सक्राइब कर लें प्रशिक्षण के क्षेत्र में शांति और विकास प्रशिक्षण के अंतर्गत ग्राम विकास की बात करें तो अब स्क्रीन और प्रशिक्षण का ही होता है इसके अंदर कदम रखते हैं और प्रकृति ने प्रशिक्षण संबंधी कार्य होता है कि संबंधित व्यक्ति होता है जब तक यह तो हमारा आज का टॉपिक प्रशिक्षणऔर कोई नहीं है |

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