शनिवार, 20 मई 2023

विपणन की अवधारणा: व्यवसाय अध्ययन

विपणन की अवधारणा: व्यवसाय अध्ययन

विपणन की अवधारणा: व्यवसाय अध्ययन


परिचय


विपणन व्यावसायिक अध्ययन का एक अभिन्न अंग है और किसी भी संगठन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख का उद्देश्य मार्केटिंग की अवधारणा, इसके महत्व, विभिन्न मार्केटिंग रणनीतियों और डिजिटल युग में यह कैसे विकसित हुआ है, इसकी व्यापक समझ प्रदान करना है। इस लेख के अंत तक, आपके पास मार्केटिंग के मूलभूत सिद्धांतों की एक ठोस समझ होगी और यह व्यवसाय के विकास को कैसे संचालित करता है।



विपणन की परिभाषा

विपणन को ग्राहकों की जरूरतों को पहचानने, अनुमान लगाने और संतुष्ट करने की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है और सृजन, संचार और मूल्य के वितरण के माध्यम से चाहता है। इसमें लक्षित ग्राहकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने और संलग्न करने के लिए बाजार अनुसंधान, उत्पाद विकास, मूल्य निर्धारण, प्रचार और वितरण जैसी विभिन्न गतिविधियां शामिल हैं।


विपणन का महत्व

प्रतिस्पर्धी बाजारों में व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए मार्केटिंग आवश्यक है। यह निम्नलिखित तरीकों से संगठनों की मदद करता है:


ब्रांड जागरूकता का निर्माण: प्रभावी विपणन रणनीतियाँ लक्षित दर्शकों के बीच ब्रांड जागरूकता और पहचान पैदा करती हैं, जिससे व्यवसाय प्रतिस्पर्धियों से अलग हो जाता है।


बिक्री बढ़ाना: ग्राहकों की जरूरतों और वरीयताओं को समझकर, विपणन उन उत्पादों और सेवाओं के विकास की सुविधा प्रदान करता है जो उन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, जिससे बिक्री और राजस्व में वृद्धि होती है।


ग्राहक संतुष्टि: विपणन ग्राहकों की जरूरतों को पहचानने और पूरा करने, मूल्यवर्धित उत्पादों और सेवाओं को प्रदान करने और दीर्घकालिक ग्राहक संबंधों को बनाए रखने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहकों की संतुष्टि अधिक होती है।


बाजार विस्तार: बाजार अनुसंधान और विश्लेषण के माध्यम से, विपणन व्यवसायों को नए बाजार अवसरों की पहचान करने और स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने ग्राहक आधार का विस्तार करने में सक्षम बनाता है।


विपणन मिश्रण

मार्केटिंग मिक्स, जिसे मार्केटिंग के 4Ps के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसा ढांचा है जो व्यवसायों को उनके उत्पाद, मूल्य, प्रचार और स्थान (वितरण) के संबंध में रणनीतिक निर्णय लेने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रभावी प्रचार गतिविधियों के माध्यम से सही कीमत पर सही उत्पाद पेश किया जाए और सही जगह पर उपलब्ध हो।


उत्पाद: यह तत्व ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने वाले उत्पादों या सेवाओं को बनाने और पेश करने पर केंद्रित है। इसमें उत्पाद डिजाइन, विशेषताएं, गुणवत्ता, पैकेजिंग और ब्रांडिंग शामिल है।


मूल्य: मूल्य निर्धारण रणनीतियाँ यह निर्धारित करती हैं कि ग्राहक उत्पाद या सेवा के लिए कितना भुगतान करेंगे। उत्पादन लागत, प्रतिस्पर्धा, बाजार की मांग और कथित मूल्य जैसे कारक मूल्य निर्धारण निर्णयों को प्रभावित करते हैं।


प्रचार: इस पहलू में लक्षित दर्शकों के लिए उत्पाद या सेवा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न विपणन संचार गतिविधियाँ शामिल हैं। इसमें विज्ञापन, जनसंपर्क, बिक्री संवर्धन, प्रत्यक्ष विपणन और व्यक्तिगत बिक्री शामिल है।


स्थान: स्थान ग्राहकों को उत्पाद या सेवा उपलब्ध कराने के लिए उपयोग किए जाने वाले वितरण चैनलों और विधियों को संदर्भित करता है। इसमें इन्वेंट्री प्रबंधन, भंडारण, परिवहन और खुदरा बिक्री से संबंधित निर्णय शामिल हैं।


मार्केटिंग के प्रकार

मार्केटिंग में दृष्टिकोण और रणनीतियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार के विपणन हैं:


बाजार विभाजन

बाजार विभाजन में जनसांख्यिकी, मनोविज्ञान, व्यवहार या भौगोलिक स्थिति जैसी विशेषताओं के आधार पर एक व्यापक लक्ष्य बाजार को छोटे खंडों में विभाजित करना शामिल है। यह व्यवसायों को विशिष्ट ग्राहक समूहों के लिए अपने विपणन प्रयासों और संदेशों को तैयार करने में सक्षम बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक प्रभावी और वैयक्तिकृत अभियान बनते हैं।


मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज

विपणन रणनीतियाँ व्यापक योजनाएँ हैं जो व्यवसायों को उनके विपणन उद्देश्यों को प्राप्त करने में मार्गदर्शन करती हैं। कुछ सामान्य विपणन रणनीतियों में शामिल हैं:


विभेदीकरण रणनीति: प्रतिस्पर्धियों से उत्पाद या सेवा को अलग करने के लिए अनूठी विशेषताओं या लाभों पर ध्यान केंद्रित करना।

लागत नेतृत्व रणनीति: गुणवत्ता बनाए रखते हुए प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कम कीमतों पर उत्पादों या सेवाओं की पेशकश करना।

आला विपणन: विशिष्ट उत्पादों या सेवाओं के साथ बाजार के एक विशिष्ट खंड को लक्षित करना।

संबंध विपणन: व्यक्तिगत बातचीत और असाधारण सेवा के माध्यम से ग्राहकों के साथ दीर्घकालिक संबंधों का निर्माण और पोषण करना।

डिजिटल विपणन

इंटरनेट और प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ, डिजिटल मार्केटिंग को अत्यधिक महत्व मिला है। इसमें विभिन्न ऑनलाइन मार्केटिंग तकनीकों को शामिल किया गया है, जिनमें शामिल हैं:


सामाजिक माध्यम बाजारीकरण

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शक्तिशाली विपणन उपकरण बन गए हैं, जिससे व्यवसायों को अपने लक्षित दर्शकों से जुड़ने, मूल्यवान सामग्री साझा करने, लक्षित विज्ञापन चलाने और ब्रांड वफादारी बनाने के लिए बातचीत में शामिल होने की अनुमति मिलती है।


विषयवस्तु का व्यापार

कंटेंट मार्केटिंग में लक्षित दर्शकों को आकर्षित करने और संलग्न करने के लिए प्रासंगिक और मूल्यवान सामग्री बनाना और साझा करना शामिल है। यह व्यवसायों को वैचारिक नेतृत्व स्थापित करने, विश्वास बनाने और ग्राहक कार्रवाई चलाने में मदद करता है।


ईमेल व्यापार

ईमेल मार्केटिंग में उन व्यक्तियों को लक्षित ईमेल भेजना शामिल है, जिन्होंने व्यवसाय या इसकी पेशकशों में रुचि दिखाई है। यह लीड को पोषित करने, प्रचार को संप्रेषित करने और ग्राहक संबंधों को बनाए रखने का एक प्रभावी तरीका है।


इन्फ्लुएंसर मार्क

ईटिंग

इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तियों या सामग्री निर्माताओं की लोकप्रियता और प्रभाव का लाभ उठाती है। इसमें प्रभावशाली लोगों के साथ सहयोग करना शामिल है, जिनके पास एक विशेष जगह में समर्पित अनुयायी हैं।


सहबद्ध विपणन

संबद्ध विपणन एक प्रदर्शन-आधारित विपणन मॉडल है जहां व्यवसाय प्रत्येक ग्राहक या उनके विपणन प्रयासों के माध्यम से उत्पन्न बिक्री के लिए संबद्धों को पुरस्कृत करते हैं। सहयोगी उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देते हैं और सफल रेफरल के लिए कमीशन कमाते हैं।


निष्कर्ष

अंत में, विपणन व्यवसाय अध्ययन का एक महत्वपूर्ण पहलू है जो ग्राहक जुड़ाव, ब्रांड पहचान और व्यवसाय विकास को संचालित करता है। मार्केटिंग की अवधारणा, इसकी विभिन्न रणनीतियों और विकसित होते डिजिटल परिदृश्य को समझने से व्यवसायों को अपने लक्षित दर्शकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने और उनकी ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिल सकती है। विपणन सिद्धांतों को अपने संचालन में एकीकृत करके, व्यवसाय आज के गतिशील बाज़ार में प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल कर सकते हैं।


पूछे जाने वाले प्रश्न

विपणन का प्राथमिक लक्ष्य क्या है?

विपणन का प्राथमिक लक्ष्य ग्राहकों की जरूरतों की पहचान करना और उन्हें संतुष्ट करना है और लाभप्रद रूप से चाहता है।


विपणन मिश्रण के प्रमुख घटक क्या हैं?

विपणन मिश्रण के प्रमुख घटक उत्पाद, मूल्य, प्रचार और स्थान (वितरण) हैं।


डिजिटल मार्केटिंग पारंपरिक मार्केटिंग से कैसे अलग है?

डिजिटल मार्केटिंग ग्राहकों तक पहुँचने और उन्हें जोड़ने के लिए डिजिटल चैनलों और तकनीकों का लाभ उठाती है, जबकि पारंपरिक मार्केटिंग मुख्य रूप से प्रिंट मीडिया, टेलीविज़न और रेडियो जैसे ऑफ़लाइन चैनलों पर निर्भर करती है।


मार्केटिंग में मार्केट रिसर्च की क्या भूमिका है?

बाजार अनुसंधान व्यवसायों को ग्राहकों की प्राथमिकताओं, बाजार के रुझान और प्रतिस्पर्धियों को समझने में मदद करता है, जिससे उन्हें सूचित विपणन निर्णय लेने में मदद मिलती है।


सोशल मीडिया मार्केटिंग क्यों महत्वपूर्ण है?

सोशल मीडिया मार्केटिंग व्यवसायों को अपने लक्षित दर्शकों से जुड़ने, ब्रांड दृश्यता बढ़ाने और ग्राहक संबंधों को एक इंटरैक्टिव और आकर्षक तरीके से बढ़ावा देने की अनुमति देता है।


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शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

व्यवसाय का सामाजिक दायित्व एवं व्यावसायिक नीतिशास्त्र | Social Responsibility

व्यवसाय का सामाजिक दायित्व एवं व्यावसायिक नीतिशास्त्र | Social Responsibility

गुड मॉर्निंग  आप सबका आज के ऑनलाइन क्लास स्वागत करता हूं आज हम 11वीं कक्षा के बिज़नस स्टडीज़ जेंडर व्यवसाय के सामाजिक उत्तरदायित्व और व्यवसाय नीतिशास्त्र के बारे में चर्चा करेंगे आज हम जानेंगे कि व्यवसाय के सामाजिक उत्तरदायित्व के होते हैं उन्हें बॉक्स और विपक्ष में हम चर्चा करेंगे और साथ ही साथ हम व्यवसायिक नीतीश सरकार भी जानने का प्रयास करेंगे कि जरिए शुरू कर लेते हैं आज की ऑनलाइन क्लासेस चलिए शुरू करते हैं आज ऑनलाइन व्यवसाय़ सामाजिक उत्तरदायित्व एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण स्थल है तो सबसे पहले हम जान लेते हैं कि आज हम कैसे करेंगे आज हम सीखेंगे सामाजिक उत्तरदायित्व की धारणा मतलब इसका अर्थ क्या है परिभाषा बढ़ेंगे सामाजिक उत्तरदायित्व के पक्ष में तर्क दिए जा सकते हैं है और विरोध में क्या तर्क दिए जा सकते हैं दोनों हम पढेंगे फिर व्यवसाय के समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति उत्तरदायित्व बनता है वह हम व्यवसाय एवं वातावरण संरक्षक टॉपिक के ऊपर चर्चा करने और व्यवसायिक यौन क्या अर्थ होता है इसके ऊपर और अपने टॉपिक की ऑनलाइन क्लासेस करें

उन नीतियों का अनुसरण करने का मतलब करना उन चीजों का पालन करना सुनने को लेने हैं हैं तथा उन कार्यों को करने से है जो हमारे समाज के लक्ष्यों तथा मूल्यों की दृष्टि से वंचित होना चाहिए तो वह सारी चीजें उन सभी नीतियों का अनुसरण करने की बात कह रहे हैं उन सभी नीतियों को निर्णय लेने से बात करें कार्यों को करने से हैं जिससे हमारे समाज और सामाजिक मूल्यों का भला करेंगे 1955 में इसी तरह की बात कही गई थी कि युवा ग्राहकों कर्मचारियों अधिकारियों और समाज के प्रति उत्तरदायित्व इसका मतलब समाज के विभिन्न अंगों के प्रति जो व्यवसाय के कर्तव्य उनके बारे में कहा जा रहा है तो आज किसी व्यवसाय के मूल्यांकन का कोई पैमाना वह नहीं रहा जो आज से लगभग 50 साल पहले हुआ था समय की बात कर रहे हैं उस समय व इस संस्था को अच्छा माना जाता था जो केवल अपने स्वामी के लिए ही अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर रही हो लेकिन आज परिस्थितियां बदल चुकी हैं आज के समय की अगर बात करें तो आज व्यवसाय पर उत्तरदायित्व केवल अपने स्वामी तक अपने

तक सीमित नहीं रहा बल्कि उसने एक विस्तृत रूप धारण करें व्यवसाय को अपने स्वामी के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ अनेक पक्षों के हितों की रक्षा करने में हमारे जैसे कि कर्मचारी उपभोक्ताओं को आपूर्ति करता मतलब फैमिली हैं प्रतियोगी हमारी प्रतियोगिता की सरकार समुदाय और विश्वविद्यालयों


ने जो अपने स्वामी के हितों के साथ यह जो मैंने आपको बताया था चेरी पूर्ति करता है यदि इनके हितों का ध्यान रखता व्यवसाय की अपने स्वामी के साथ सभी पक्षों से शांति की जिम्मेवारी को व्यवसाय़ सामाजिक उत्तरदायित्व कहते हैं तो यह छोटा सब्सक्राइब मतलब की उन नीतियों का अनुसरण करें जिससे कि हरेक पक्ष का जो वंचित है मतलब होना चाहिए सब्सक्राइब तो हम उसको अच्छा व्यवसाय आज के समय में


सामाजिक उत्तरदायित्व के पक्ष में तर्क दिए

सब्सक्राइब टो है क्योंकि व्यवसायिक संस्थाओं का निर्माण समाज से ही होता है इसीलिए सामाजिक आवश्यकताओं के प्रति इनका सकारात्मक रुख होना चाहिए कि पोज़िटिव लिखना चाहिए व्यवसाय समाज की एक पद्धति सब्सक्राइब और एक उपलब्धि को मुख्य उपस्थिति से समझाएं जो हमारा समाज की भलाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए फिर व्यवसाय के लिए एक व्यवसाई के भले ही नहीं होना चाहिए बल्कि अन्य उपलब्धियां जैसे कि समाज के कौन से अंगों सकते हमारे जैसे कि कर्मचारी आयोग


नियुक्त पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए पूरे


सब्सक्राइब एक पद्धति अन्य पद्धतियों के हितों की रक्षा के मैं सोचने लगती है तो दूसरे भी उसकी मदद करते हैं और अंत सब का कल्याण संभव हो पाता तो कोई भी संघ नहीं लेना चाहिए जो कि नियमों के विरुद्ध है कि दूसरे पॉइंट पर चलते हैं


कि सरकारी नियमों का बचाव सरकारी नियमों से बचाव यदि व्यवसाय द्वारा सामाजिक दायित्वों की कोई ओर ध्यान नहीं दिया जाता तो व्यवसायिक पद्धति में सरकार को अधिकृत किया नहीं देता सामाजिक उत्तरदायित्वों को


सब्सक्राइब करने लग जाती है जिसका व्यवसाय की प्रगति पर विपरीत असर पड़ता है व्यवसाय को अधिक जब स्किन के लिए सामाजिक हित के कार्यो को प्राथमिकता देने चाहिए चलते स्कूल में व्यवसाय और व्यवसाय खोल अभियुक्त ही नहीं जाता व्यवसाई द्वारा निष्पादित किए गए सामाजिक दायित्व इस संस्था की सफलता को सुनिश्चित करेंगे यह संभव है कि प्रारंभिक वर्षों में सामाजिक दायित्व पूरा करने के लिए अधिक लागत वहन करने पढेंगे ज्यादा खर्च उठाना पड़े लेकिन संबंधित संस्था का भविष्य संभावित करने से सुरक्षित भविष्य जब तक यह हमारे जो मोहब्बत इन पॉइंट है जो सामाजिक उत्तरदायित्व की तरफ में हम दही ले सकते हैं फिर अगला पॉइंट हमारा घाघरा


नियुक्ति इस प्रकार से विरोध में विघ्न उसके ऊपर हम थोड़ी सी चाहिए सब्सक्राइब व्यवसाय के खिलाफ अब


नियुक्तियों का कहना है कि व्यवसायिक आर्थिक संस्थाओं


और अथवा लाभ ही एक व्यवसायिक संस्थान की सफलता के मार्ग बंद होने चाहिए नियुक्त


पध कर्मचारी तथा कर्मचारियों का दायित्व केवल अपने स्वामी के प्रति इस विचार के अनुसार प्रबंधक अपने स्वामी के लिए नियुक्त यह मशीन मात्र है है तो उसकी तर्क में जो है वह यह तीन पॉइंट्स हमारे हैं सबसे पहले व्यवसायिक उद्देश्य जिस प्रकार खेल के मैदान में खिलाड़ियों का मुख्य उद्देश्य खेल में विजय प्राप्त करना होता है ठीक उसी प्रकार व्यवसायिक उद्देश्य अपने साधनों का उपयोग करके अधिक से अधिक लाभ होता है वहीं दूसरी ओर समाज और व्यवसायिक क्षेत्रों में एक प्रबंधक पहचान भी अधिकतम लाभ अर्जित करने पर ही हो सकती है तो एक व्यक्ति के खिलाफ फिर कार्यप्रणाली में एक व्यक्ति स्वयं के हित के अतिरिक्त कोई ऐसी शक्ति है जो लोग व्यवसाय में स्वयं के हित का विचार छोड़कर सामाजिक दायित्वों की सोचने लगे तो पूरी कार्यप्रणाली से खुश हो कहने का तात्पर्य उन्हें इस बात का योग ने तो व्यवसाय में उनकी रुचि कम हो जाएगी अतः प्रबंधकों लेबल अपने स्वामी या फिर कहें तो अंशधारियों के हित में कार्य करना चाहिए बल्कि वे स्वयं निर्धारित करेंगे कि उनकी संपत्तियों का प्रयोग कैसे किया जाना चाहिए है विरोधियों ने तीसरा व्यवसाय पर अभी


सब्सक्राइब नहीं होना चाहिए वर्ण स्वर्ण व्यवसायियों का सामाजिक प्रभाव स्थापित हो का योग नहीं है मतलब इसका अभिप्राय यह है कि जब स्कूल प्रारंभिक वर्षों में लोग उनसे इतने प्रभावित हुए कि भविष्य में व्यवसाय पर प्रभुत्व की स्थिति में आ जाएगा और उस समय वह समाज की बिल्कुल अनुचित लाभ कमाने का प्रयत्न करने लग सकता है जब


स्कैन हो कोई भी समाज पर प्रभाव तब तक उसके परिणाम कभी अच्छे नहीं निकले हैं यह विचार मिस्टर लिमिट ने प्रस्तुत किया व्यवसाय मूल्य पर किस प्रकार से प्रभाव पड़ सकता है यह पॉइंट से विरोध में तर्क दे रहे हैं कि व्यवसाई उत्तरदायित्व सामाजिक उत्तरदायित्व नहीं होनी चाहिए अगला पॉइंट पर चलते हैं विभिन्न वर्गों के प्रति व्यक्ति सामाजिक उत्तरदायित्व भूत कि घृत निवेशकों के प्रति नियुक्त प्रबंधक और दोनों अलग तो प्रबंधक नियुक्त अधिकारियों के प्रति उत्तरदायित्व जैसे उदाहरण पूंजी की सुरक्षा प्रदान करना उचित लाभ सुनिश्चित करना लाभ सब्सक्राइब


सब्सक्राइब व्यक्तित्व लुट विनियोजित पूंजी का सदुपयोग सुनिश्चित करना और विभिन्न प्रकार के अंशधारकों के साथ समान व्यवहार करने के प्रति व्यवसाय का सामाजिक उत्तरदायित्व बनता है फिर लेते हैं कर्मचारियों के प्रति कि कर्मचारी वर्ग उत्पादन कब विवेकशील और संवेदनशील तत्व होता है अतः इनकी भावनाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है यदि कर्मचारियों को संतुष्ट कर दिया जाए तो जो हमारा व्यवसाय है वह दिन दुगुनी और रात चौगुनी उन्नति करने लगता है तो उनके प्रति उत्तरदाई हैं जैसे कि उचित पारिश्रमिक काम करने के लिए अच्छा वातावरण व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का आदर करना लाभ में हिस्सेदारी देना नौकरी की सुरक्षा प्रदान करने पर नियुक्त करना प्रेरणात्मक मजदूरी पद्धतियों को लागू करना जिससे उनको प्रणाम एवं समस्याओं का समय पर समाधान कर देना कोई भी समस्या होने पर तुरंत समाधान करना उनके शिक्षण प्रशिक्षण की भी व्यवस्था करने तथा उनके अंदर और कुशलता और पदोन्नति और सब्सक्राइब को देने चाहिए थे ए पॉजिटिव कर्मचारियों के प्रति व्यवसाय के जो है वह बनते हैं फिर उपभोक्ताओं के प्रति क्या बनता है और अच्छी क्वालिटी की वस्तुएं उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाना एक तो भोक्ताओं के प्रति सामाजिक उत्तरदायित्व बनता व्यवसाय का विज्ञापन में वास्तविकता को प्रकट करना ना कि भ्रामक विज्ञापन दिखाना वस्तुओं में मिलावट ना करना विक्रय के बाद सेवाएं प्रदान करने से अगर उपभोक्ता को उत्तरदायित्व ग्राहकों की अभिरूचि के अनुसार


सब्सक्राइब के निकटतम स्थान पर लुट ग्य कथित हो सकते हैं ग्राहकों के साथ अच्छा व्यवहार करना ग्राहकों को देवता समान उन शिकायतों का नम्रतापूर्वक समाधान करने और


लुटेरों से दूर रहना तो व्यवसायिक उपभोक्ताओं के प्रति उत्तरदायित्व फिर सरकार के प्रति उत्तरदायित्व सरकार द्वारा निर्धारित करें का इमानदारी से भुगतान करने की सरकार टैक्स लगा अभिमान तारे से समय-समय पर देना सरकारी नियमों का पालन करना नए उद्योग लगाकर आर्थिक विकास में सरकार का सहयोग देना और अनुचित अनुचित उपयोग से सरकारी तंत्र का लाभ ना मतलब कुछ ऐसा ना करें इससे सिर्फ एक व्यवसाई को सरकारी लाभ मिलता है और दूसरे को इस प्रकार से बचना चाहिए


रोजगार उपलब्ध करवाना वातावरण को दूषित करना जीवन स्तर को सुधारने में योगदान धर्मशाला चिकित्सालय शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करके समाज कल्याण विभाग कार्यालय और सभी विज्ञापनों का सहारा लेना समुदाय के प्रति हमारा कर्तव्य बनता है है और विश्व या फिर सामान्य जनता के प्रति क्या बन जाता है अंतरराष्ट्रीय शांति में सहयोग बनाए रखना अंतरराष्ट्रीय बाजार के नियमों का पालन करना आर्थिक रूप से पिछड़े देशों के विकास में मदद करना इमानदारी से व्यापार करने और मानवाधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे व्यवसाय के उत्तरदायित्व या फिर जनता के प्रति तो हम


नियुक्त हैं उनके बारे में अब हम अगले पॉइंट पर चलते हैं अ का व्यवसाय एवं वातावरण संरक्षण है तो पॉइंट टू पॉइंट चलते हैं सबसे पहला वातावरण संरक्षण का अर्थ क्या होता है वातावरण संरक्षण का अभिप्राय वातावरण वायु-प्रदूषण जल-प्रदूषण और शोर प्रदूषण इसे स्वतंत्र रखना होता पृथ्वी पर निवास करने वाले प्रत्येक प्राणी को स्वच्छ वातावरण की आवश्यकता होती है इसी लिए वातावरण संरक्षण किया जाना बहुत ही जरूरी होता है फिर इसी के पक्ष में और पॉइंट के वातावरण को व्यवसाय से खतरा हो सकता है वातावरण संरक्षण की बात को व्यवसाय के साथ क्यों जोड़ा जा रहा है वातावरण संरक्षण व व्यवसाय के साथ जोड़ना बिल्कुल उचित प्रतीत होता है क्योंकि वातावरण को प्रदूषित करने में सबसे अधिक योगदान व्यवसाय़ व्यवसाय प्रदूषण की दृष्टिकोण से व्यवसाय की शिकायत इस प्रकार की हो सकती कुछ अधिक छोड़ते हैं घ्र शोर-शराबा करते हैं आपने क्या होगा अपने आस-पास इसके अतिरिक्त कुछ व्यवसाय की इकाइयां ऐसी भी होती हैं जो एक समय पर एक से अधिक प्रदूषण फैलाती हैं अत यह कहा जा सकता है कि व्यवसाय वातावरण व्यवसाय से खतरा घृत की फैक्ट्रियां हैं जो छोड़ रहे हैं यह बहुत ज्यादा शेयर कर रही है यह केमिकल्स वह पानी में घृत सीरियल प्रदूषण का खतरा पैदा करता है अगर


सबस्क्राइब करें ही प्रदूषण में तीन प्रकार होते हैं वायु-प्रदूषण जैसे कि अधिक या दूषित करता कई नियुक्ति


प्रदूषण होता है जैसे नदियों के जल में कारखाने जो है वह पदार्थ डाल देते हैं फिर कुछ और अपने जो है वह गंदे जल को नदियों के साफ पानी में डालकर जो है वह मतलब कुछ तो नालों से नदियों पर चेहरे को डायरेक्टर नदियों में डाल रहे हैं जिससे वह पानी पीने से पशु-पक्षी या फिर हमारे पास जो करने का पानी आता है उससे बीमारियां फैलने का खतरा नॉइस पोलूशन प्रदूषण उत्पन्न करते हैं अधिक छोड़कर खाने वाले अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न कर सकते हैं जैसे कि या फिर हमारा हिंसात्मक व्यवहार हो गया मानसिक संतुलन खोने का खतरा प्रदूषण पर अब स्कूल से वातावरण को प्रदूषित करने में सबसे अधिक योगदान वैसा ही होता है इसीलिए व्यवसाय़ ही सबसे अधिक दायित्व बनता है कि वह इस समस्या का हल व्यवसाय का सामाजिक उत्तरदायित्व को बंद होने से बचाने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए रूषण को रोकने के लिए गंदे पदार्थों को पानी में ना फेंका जाए और गंदे पानी को साफ करके ही नदियों में डाला जाएगा कि जो जल को जो है वह सही करने की टेक्नीक है वह प्लांट लगाने चाहिए सलूशन करके सब्सक्राइब कर नियुक्ति पर रोक लगाने के यंत्र लगाने चाहिए हल करने के लिए सरकार द्वारा भी समय-समय पर कई प्रकार के अधिनियम पारित किए गए हैं इन नियमों के अधीन 1992 में कानपुर में पवित्र गंगा को दूषित करने वाले कारखानों को बंद कर दिया इसी प्रकार 1994 में ताजमहल के आसपास स्थित कारखाने बंद कर दिए थे कि ताजमहल की सुंदरता को खतरा पैदा हो गया था कि यह सब व्यवसाय एवं वातावरण संरक्षण टॉपिक छोटा सा तक अगले टॉपिक पर आते हैं व्यवसाय़ नीतिशास्त्र तो हमेशा की तरह से


व्यवसायिक नीतिशास्त्र एक प्रकार की कला एवं विज्ञान समाज एवं व्यवसाय के पृथक-पृथक अलग-अलग समूह व संस्थाओं के साथ उचित शांति पूर्ण व्यवहार संबंध बनाए रखने और व्यवसाय़ व्यवहारों के उचित या अनुचित द्वारा नैतिक उत्तरदायित्व को मान्यता देने से संबंधित किया है है इसका भी फ्राय होकर समाज द्वारा निर्धारित नैतिक सिद्धांतों से है जो कि व्यवसाय की गतिविधियों को दिशा प्रदान करता है नीतिशास्त्र का अर्थ क्या होता है जीवन में अपनाए जाने वाले आदर्शों से आदर्श भिड़े मान्यताएं होती हैं जो एक व्यक्ति को ईमानदारी से काम करने के लिए हमेशा ही प्रेरित करते रहते हैं या फिर हम कहें कि जब कोई काम करते समय हम यह सोचते हैं कि सार्वजनिक हित में क्या गलत है और क्या कहा जाएगा कि हम नीतिशास्त्र का पालन कर रहे हैं नहीं कर रहें हैं मतलब यह है कि यह लोग नहीं तो फिर हम नीतिशास्त्र विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हो सकता है जैसे कि हमारा मेडिकल फील्ड या फिर कानून या फिर


सब्सक्राइब की तरफ जाने वाले हैं व्यवसाय के संबंध में अ दर्शकों का अर्थ व्यवसाय द्वारा सभी पक्षकार जो अभी हमने पड़े अंशधारी ग्राहक पूर्ति करता प्रतियोगी समाज सरकार स्थिति के प्रति अपने नैतिक जिम्मेवारी को पूरा करने से होगा या फिर हम और थोड़ा सा उदाहरण लेकर अगर समझने का प्रयास करें तो जैसे विषयों को विनियोग पर प्रतिफल मतलब जितना इनवेस्ट करके उनको उचित मात्रा में लाभ ग्राहकों को उचित मूल्य पर अच्छी क्वालिटी का माल उपलब्ध करवाना गिव नीति में सुधार करता हूं को समय पर भुगतान कर देना अपने लिए समय पर पेमेंट करना प्रतियोगिताओं को स्वस्थ प्रतियोगिता में भागीदारी करना है कि समाज के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना वातावरण को दूषित होने से बचाना सरकारी अधिनियम का पालन करके सरकार की सहायता करने जैसे सब्सक्राइब करना और का समय पर भुगतान कर देना चाहिए जिससे व्यक्ति को आसानी से समझ सकते हैं


सब्सक्राइब व्यवसाय़ दायित्व की ओर चलते हमारा आखिरी टॉपिक व्यवसायिक प्रतिष्ठान स्थापित तत्व को सबसे पहले सा उत्तर भारत अनुशासन व्यवसाय के नीतिशास्त्र का पहला तत्व संबंधित अनुसार संघ शासित करना अनुशासन के लिए किसी को कहा नहीं जाता बल्कि नीतिशास्त्र को मानने वाले लोग स्वयं ही स्वयं अनुशासित होते हैं फिर दूसरा ईमानदारी उंधियू सब्सक्राइब के अंदर होने पर जोर देता है अर्थ व्यवसाय यह मान्यता है कि प्रत्येक व्यवसाय सभी संबंधित पक्षकारों के साथ पूरी ईमानदारी से व्यवहार करें जब विपक्ष कौन-कौन से हमने यहां पर क्लिक करता हूं योगी सरकार के पक्ष में तो फिर आ जाता है मारा क्षमता इक्विटी व्यवसायिक नीति शास्त्र में समता का एक महत्वपूर्ण स्थान है इसके अनुसार व्यवसाय में सभी के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए अर्थार्थ अमीर जाति धर्म या किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं किया जाना चाहिए मार्गदर्शक मार्गदर्शक नीतिशास्त्र लोगों की भलाई पर जोर दिया जाता है हमने पूरा चैप्टर में अभी तक उन लोगों की नियुक्ति शीघ्र बनाते समय मार्गदर्शन में कार्य करता

गुरुवार, 25 अगस्त 2022

Rajasthan Police Constable Result 2022: Rajasthan Police Constable Result of these battalions released, Direct Link

Rajasthan Police Constable Result 2022: Rajasthan Police Constable Result of these battalions released, Direct Link

Raj Constable Result 2022: Rajasthan Police Headquarters is expected to release the Police Constable Written Exam Result tonight. The results of all districts will not be announced today.

Rajasthan Police Constable Result 2022: Rajasthan Police Constable Result of these battalions released, Direct Link


Raj Constable Result 2022: Police Constable Written Exam Result has been declared by Rajasthan Police Headquarters. Today, the results of 6 districts including Dungarpur, Banswara, Pratapgarh, 13 battalions including RAC and Home Guard candidates have been declared. Ministry of Home Defense and RAC Written Test. II, III, IV, V, VII, IX, X, XII, XIV, HAD, HARDI RANI Mahila Battalion, Maharana Pratap Battalion and MBC Khairwada / Boswada Rajasthan Police Website www.police. Uploaded on rajasthan .gov.in. The results for all the districts are yet to be declared. You can check the result at police.rajasthan.gov.in. The police recruitment exam was held on 13-16 May and 2 July 2022. It was filled through 4388 workers.
This is the result of the district and battalion

Rajasthan Police Constable Result 2021 - Rajasthan Home Guard
Rajasthan Constable Recruitment 2021 Result - District - Banswara
Rajasthan Constable Recruitment Result 2021 - Dungarpur District
Rajasthan Constable Recruitment Result 2021 - Pratapgarh District
Rajasthan Police Constable Recruitment 2021 Result - GRP Jodhpur
Rajasthan Police Recruitment Result 2021 - CID (CB) Jaipur
Rajasthan Police Constable Result 2021 - MBC Banswara
Rajasthan Constable Result 2021 - MBC Kherwara
Rajasthan Constable Result 2021 - Maharana Pratap Battalion RAC Pratapgarh
Rajasthan Constable Recruitment Result 2021 – 14th Battalion RAC Pahari Bharatpur
Rajasthan Police Constable Result 2021 - 5th Battalion RAC Jaipur
Rajasthan Constable Result 2021 - 4th Battalion RAC Jaipur
Rajasthan Police Constable Result 2021 - Hadi Rani Mahila Battalion RAC Ajmer
Rajasthan Constable Result 2021 - 3rd Battalion RAC Bikaner
Rajasthan Constable Result 2021 - 9th Battalion RAC Tonk
Rajasthan Constable Result 2021 - 2nd Battalion RAC Quota
Rajasthan Constable Result 2021 - 7th Battalion RAC Bharatpur
Rajasthan Constable Result 2021 - 10th Battalion RAC Bikaner
Rajasthan Constable Result 2021 - 12th Battalion RAC Delhi
Rajasthan Constable Result 2021 - CID (IB)
Rajasthan Constable Result 2021 - Bikaner District

Rajasthan Constable Result 2022: How to Check
Visit police.rajasthan.gov.in.

Click on the Rajasthan Police Constable Recruitment Result 2021 link.
The roll number of selected candidates will be released.
Then you can check your number.

As of today, the physical fitness test can start from the first or second week of September. Finally, successful candidates will be called for Physical Efficiency Test (PET) and Proficiency Test (PST). PET PST candidates must bring the required documents and samples. Apart from the educational qualification, the candidates must also carry an ID card.

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लाइगर मूवी रिलीज और लाइव अपडेट की समीक्षा: विजय देवरकोंडा-अनन्या पांडे स्टारर सिनेमाघरों में है, पुरी जगन्नाथ फिल्म 'निराश' प्रशंसक

 लाइगर मूवी रिलीज और लाइव अपडेट की समीक्षा: विजय देवरकोंडा-अनन्या पांडे स्टारर सिनेमाघरों में है, पुरी जगन्नाथ फिल्म 'निराश' प्रशंसक

विजय देवरकोंडा स्टारर लिगर मूवी रिलीज़ लाइव अपडेट: पुरी जगन्नाथ द्वारा निर्देशित, लिगर में विजय देवरकोंडा, अनन्या पांडे, राम्या कृष्णा और रोनित रॉय मुख्य भूमिकाओं में हैं। महान मुक्केबाज माइक टायसन फिल्म में एक विस्तारित कैमियो भूमिका निभाएंगे।

लाइगर मूवी रिलीज और लाइव अपडेट की समीक्षा: विजय देवरकोंडा-अनन्या पांडे स्टारर सिनेमाघरों में है, पुरी जगन्नाथ फिल्म 'निराश' प्रशंसक


विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे स्टारर लिगर (#Liger) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। पुरी जगन्नाथ द्वारा निर्देशित अखिल भारतीय फिल्म एक बॉक्सर की कहानी बताती है जो अपनी पहचान बनाने के लिए बाधाओं से लड़ता है। लिगर हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज हो रही है। लाइगर के प्रोमो और गानों ने फिल्म की कहानी का खुलासा नहीं किया है। धर्मा प्रोडक्शंस-पुरी कनेक्ट्स फिल्म तीन साल से बन रही है और महामारी के कारण कई देरी का सामना करना पड़ा है। इसमें माइक टायसन और राम्या कृष्णन भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

फिल्म ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर ने कहा कि दर्शकों को लाइगर का बेसब्री से इंतजार है। “धर्मा प्रोडक्शंस पूरी तरह से फिल्म के प्रचार में लगा हुआ है। वे देश के हर नुक्कड़ और कस्बों में फिल्म का प्रचार करने में भी पीछे नहीं हैं। दर्शकों के बीच दीवानगी बहुत बड़ी है, जो प्रचार कार्यक्रमों में अनन्या और विजय की एक झलक पाने के लिए इकट्ठा होने वाली भीड़ से स्पष्ट है, ”

फिल्म वितरक अक्षय राठी ने कहा, "फिल्म भारत के आम आदमी, टियर 2 और 3 शहरों में बड़े पैमाने पर दर्शकों से अपील करती है, जो सिंगल स्क्रीन पर जाते हैं, इसलिए यह वर्तमान बुकिंग पर एक बड़ा कदम होगा। लोग पहले से टिकट बुक करते हैं। इसके बजाय। रिलीज के दिन बड़ी संख्या में सिनेमाघरों में जाने के कारण, विजय और अनन्या फिल्म के प्रचार के लिए राष्ट्रीय दौरे पर हैं।

विक्रम वेधा का टीजर लॉन्च, ऋतिक रोशन की पिछली 3 फिल्मों ने 100 करोड़ से ज्यादा का किया कलेक्शन

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विक्रम वेधा का टीजर लॉन्च, ऋतिक रोशन की पिछली 3 फिल्मों ने 100 करोड़ से ज्यादा का किया कलेक्शन

 विक्रम वेधा का टीजर लॉन्च, ऋतिक रोशन की पिछली 3 फिल्मों ने 100 करोड़ से ज्यादा का किया कलेक्शन

विक्रम वेधा टीज़र: विक्रम वेधा इसी नाम से एक तमिल फिल्म का हिंदी रीमेक है और 30 सितंबर 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।

टी-सीरीज़ ने तमिल हिट विक्रम वेधा के हिंदी भाषा रीमेक के लिए पहला टीज़र जारी किया है। नई फिल्म में सैफ अली खान विक्रम के रूप में हैं, जो एक सख्त-से-नाखून वाला पुलिस वाला है, जो ऋतिक रोशन द्वारा निभाई गई वेधा नामक एक तेजतर्रार गैंगस्टर के साथ बिल्ली-और-चूहे का पीछा करते हुए पकड़ा जाता है। रीमेक और ओरिजिनल दोनों का निर्देशन शादीशुदा जोड़े पुष्कर-गायत्री ने किया है।

लगभग दो मिनट के टीज़र की शुरुआत दो पात्रों के एक-दूसरे के विपरीत बैठे होने से होती है, जैसा कि माइकल मान की हीट के उस प्रतिष्ठित दृश्य में है। "क्या मैं आपको एक कहानी सुनाऊँ, सर?" वेधा विक्रम से हिंदी में पूछती है। "ध्यान से और धैर्य से सुनो। इस बार यह न केवल मजेदार होगा, बल्कि आश्चर्य भी होगा।" शेष टीज़र अनिवार्य रूप से दो सितारों के स्लो-मोशन "हीरो शॉट्स" का एक संग्रह है, जिसमें शूटआउट, पंच-अप और वेधा पर विक्रम का एक त्वरित शॉट है। तालिका (शाब्दिक रूप से) फ़्लिप करती है। जैसे ही हम दो केंद्रीय पात्रों के बीच एक बरसाती तसलीम की ओर बढ़ते हैं, हम बड़े पैमाने पर हथियारों के साथ एक प्रमुख लड़ाई अनुक्रम की झलक भी देखते हैं।

"अच्छे और बुरे के बीच चयन करना आसान है, सर," वेधा विक्रम से कहती है। "लेकिन इस कहानी में, दोनों ही दुष्ट हैं।" यहाँ एक छोटा सा संदर्भ; यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि रोशन भूमिका के लिए एक उच्चारण डाल रहे हैं, जिससे पता चलता है कि उनका चरित्र उत्तर भारतीय राज्य से है - मुंबई के अभिनेता के लिए एक रचनात्मक और सांस्कृतिक छलांग, जिसे रयान के रूप में सबसे अच्छा वर्णित किया गया है। हो सकता है कि गोस्लिंग टेक्सास के किसी व्यक्ति की भूमिका निभा रहे हों। दो मिनट के टीजर में मशहूर सौम्या खान एक शब्द भी नहीं बोलती हैं।

दोनों सितारे शायद पर्दे पर दिल की धड़कन की भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं - रोशन और भी अधिक - हालांकि खान ने हाल के वर्षों में असामान्य पात्रों के साथ प्रयोग करने के लिए एक प्रतिष्ठा विकसित की है। उदाहरण के लिए, उन्होंने पश्चिमी लाल कप्तान में बिना किसी नाम के एक व्यक्ति और स्टोनर कॉमेडी गो गोवा गॉन में एक ज़ोंबी शिकारी की भूमिका निभाई। वह नेटफ्लिक्स की मूल श्रृंखला, सेक्रेड गेम्स का नेतृत्व करने वाले पहले प्रमुख भारतीय फिल्म स्टार भी बने, जिसमें उन्होंने एक पुलिस वाले की भूमिका भी निभाई।

लाइगर मूवी रिलीज और लाइव अपडेट की समीक्षा: विजय देवरकोंडा-अनन्या पांडे स्टारर सिनेमाघरों में है, पुरी जगन्नाथ फिल्म 'निराश' प्रशंसक

रविवार, 21 अगस्त 2022

व्यवसायिक संगठनों का चुनाव किस प्रकार किया जाता है?

व्यवसायिक संगठनों का चुनाव किस प्रकार किया जाता है? 

व्यवसायिक संगठनों का चुनाव किस प्रकार किया जाता है?


मॉर्निंग बच्चों को लिए आप सबका ऑनलाइन क्लास में हार्दिक स्वागत करता हूं आज हम 11वीं कक्षा के व्यवसाय अध्ययन विषय अंतर्गत व्यवसायिक संगठनों का चुनाव किस प्रकार किया जाता है? इस पर चर्चा करेंगे आज हम जानेंगे कि छोटे स्तर पर व्यवसाय करते हैं तो वहां की व्यापार क्यों चुना जाता है तो वहां संगठन क्यों किया जाता है और बड़े स्तर का व्यवसाय शुरू करते हैं तो वहां पर कंपनी संगठन क्यों|

तो चलिए शुरू करते हैं कि छोटे पैमाने कि युद्ध पर मध्यस्थ नियुक्त और बड़े स्तर के व्यवसाय के लिए कंपनी संगठन को अधिक उपयोगी माना जाता है है तो अब तक हम जो है वह कुछ व्यापारों के प्रारूप के बारे में हम पढ़ चुके हैं आज हम नया चैप्टर शुरू कर रहे हैं या चैप्टर के अंदर सबसे पहले हम व्यवसायिक संगठन के रूप में कि कैसे किया जाता है और साथी व्यवसाय प्रारंभ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें फिर हम समस्या उत्पन्न हो सकती हैं अब हम यहां से शुरू करेंगे तो ही इंपोर्टेंट चैप्टर और बहुत ही आसानी से समझ में आने वाला है 

तो चलिए शुरू करते हैं सबसे पहलेकितने प्रकार के व्यवसायिक संगठन हमारे होते हैं जैसे कि सहकारी संगठन, कंपनी इत्यादि यह अब दिमाग में यह प्रश्न उठता है कि क्योंकि प्रत्येक व्यवसाय संगठनों के स्वरूप अलग अलग विशेषताएं होती हैं इसीलिए इसका स्पष्ट रूप से तो हम नहीं कह सकते कि कौन सा श्रेष्ठ रहेगा क्योंकि एक प्रारूप किन्हीं विशिष्ट परिस्थितियों में उपयोग तरह सकता है तो दूसरा के लिए विशिष्ट परिस्थितियों में उपयुक्त रहेगा और दूसरा अन्य परिस्थितियों में रहेगा 

अतः व्यवसायिक संगठन का चयन करते समय कुछ बातों का जो महत्वपूर्ण बातें जो उनको ध्यान में रखना है जब हम व्यवसाय संगठनों के स्वरूप का चयन करना चाहिए ने द्वारा बताई गई बातों के बारे में चर्चा कर लेते हैं सब्सक्राइब पूंजी की आवश्यकता व्यवसाय में पूंजी लगाने में का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है पूंजी की आवश्यकता व्यवसाय के पैमाने और उसकी प्रकृति पर निर्भर करेगी निर्माण संस्था को एक परचून की दुकान से अधिक पूंजी की आवश्यकता पड़ेगी निर्माण हो गई जो निर्माण कार्य करें जिसकी बिल्डिंग बनाना सड़क इत्यादि बना हुआ था| 

बड़े अपार्टमेंट्स बनाना उसकी उसको बहुत ज्यादा पूंजी की आवश्यकता पड़ेगी अगर हम कंपेयर करें परचून की दुकान से शुरू कर सकते हैं तो निर्माण कंपनी से कितना डिफरेंस आज नहीं तो कल और अगर अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी तो फिर संगठन कंपनी संगठन अब स्कूल कर सकता है लेकिन अधिक पूंजी की व्याख्या करने के लिए तो हमेंजो उसकी आवश्यकता पड़ेगी जिसमें अधिक लोगों की सहायता से पूंजी लगाई जा सकती हैं 

दूसरे पर चलते हैं के स्वामियों का दायित्व (लायबिलिटीज आफ डोनर्स) सामान्य व्यक्ति प्रारूप में जोखिम कम होता है न्यूनतम होता व्यवसाय के स्वामियों को अधिक अच्छे लगते हैं सभी अभियुक्त लाभ की मात्रा तथा नियुक्तियों का दायित्व एसिड होता है कि व्यापार और साझेदारी व्यवसाय में स्वामियों का दायित्व ऐसे में एसिड की स्थिति में व्यवसाय के स्वामी की निजी संपत्ति एक निजी संपत्ति जोन की प्राइवेट प्रॉपर्टी है व्यवसाय की संपत्ति के साथ जुड़ी रहती है 

मगर कोई प्रॉब्लम गई तो यहां से कवर कर सकते हैं कि युवा और पार्टनरशिप अर्थ कहने का मतलब व्यवसाय में हानि होने पर व्यक्तिगत संपत्तियों का प्रयोग नियुक्त दूसरी कंपनियों में अधिकारियों का दायित्व के प्रति टन का भुगतान करने के लिए उत्तरदाई नियुक्त संपत्ति को व्यवसायिक प्रयोग में नहीं लाया जा सकता कहा जा सकता है कि जिन व्यवसायियों में जोखिम अधिक वहां कंपनी संगठन का चुनाव कर लेना चाहिए और व्यवसाय में जोखिम कम है वहां पर नियुक्त आधारित व्यवसाय का ही चुनाव करना सही रहेगा है अगला पॉइंट अपना मैं सुविधा अ कि व्यवसायिक संगठनों के प्रारूप के चुनाव को व्यवसाय की स्थापना के समय पूरी की जाने वाली औपचारिकताओं में भी प्रभावित करेंगे| 

एक संयुक्त पूंजी कंपनी को प्रारंभ करने के लिए विशेषज्ञ व्यक्तियों और अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है क्योंकि इसकी स्थापना के समय औपचारिकताओं को पूरा करना होता है वहीं दूसरी ओर संयुक्त हिंदू परिवार ख्याल को बिना अधिक उपभोक्ताओं के प्रारंभ किया जा सकता है जो व्यवसाय अधिक औपचारिकताएं पूरी करने में सक्षम ना वहां पर उनको कंपनी की स्थापना का विचार छोड़ देना चाहिए निरंतरता और तब यदि किसी संस्थान में निरंतरता और तरुण तो को प्रशिक्षित एवं विशेषज्ञ व्यक्तियों की तरह संस्था में प्रवेश करेंगे और संस्था अपेक्षाकृत अधिक उन्नति करेंगे व्यवसायिक संगठन के कंपनी प्रारूप में यह सारी विशेषताएं विद्यमान है क्योंकि सदस्यों के आने-जाने का इसकी स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है वहीं दूसरी ओर व्यापार-व्यवसाय की मृत्यु होने पर व्यवसाय ही बंद हो जाता है इसी प्रकार साझेदारी व्यवसाय में भी निरंतरता एवं तार की कमी पाई जाती है|

निरंतर ध्यान में रखें तो कंपनी संगठन अधिक महत्वपूर्ण उपयोग अगला पॉइंट टैक्स लाइबिलिटी कम न्यूनतम हो वह सबसे उत्तम समझा जाता है कि व्यापार एवं साझेदारी की एक कंपनी में काम करता है अधिक होता है अपने व्यवसाय का पैमाना जितना छोटा होगा कर दायित्व भी उतना ही कम होगा इस दृष्टिकोण से अगर हम देखें तो एक कि व्यापार तथा साझेदारी व्यापार व्यवसायिक संगठन में अधिक उपयोगी रहने वाला है अगर हम करता अगला पॉइंट पर बंद की आवश्यकता प्रबंधक एवं प्रशासनिक व व्यवसायिक संगठन के प्रारूप के चुनाव को प्रभावित कर सकती हैं |

यदि व्यक्ति केवल स्थानीय प्रति छोटे लोकल तो प्रबंधक नियुक्त व्यक्ति काफी इस तरह के व्यवसायियों की स्थापना नियुक्ति की जा सकती है वहीं दूसरी ओर व्यवसायिक क्षेत्र बड़ा ज्यादा बड़े क्षेत्र में फैला हुआ तो व्यवसायिकता की नियुक्तियों और सब्सक्राइब में बहुत अधिक उपयोगी रह सकेगा जब व्यवसाय यह बहुत बड़े पैमाने पर व्यवसाय करना है यह बहुत लार्ज इन कि अगर हम सोचे तो पूरे नेशनल लेवल पर अगर हम करना एग्जांपल के लिए तो व्यवसाय के विभिन्न विभागों को प्रबंध के लिए विशिष्ट व्यक्तियों की स्थिति में कंपनी संगठन का चुनाव कर लेना चाहिए व्यापार और व्यवसाय दोनों ही विषयों के प्रश्न पारिश्रमिक सैलेरी इवन न खर्च नहीं कर पाएंगे |

और भविष्य में तरक्की के अवसरों के अभाव में इन संस्थाओं में विशेषज्ञ व्यक्ति प्रवेश करना पसंद नहीं करते तो जब स्कूल तो फिर हम कंपनी संगठन का चुनाव कर लेना चाहिए उसे छोटे पर हो तो फिर नियुक्तियां फिर फिर उसी प्रकार से समस्या उत्पन्न हो सकती हैं को लॉक शेल्टर फ्लेक्स प्लेट 1 अपने व्यवसाय के जीवन में ऐसी अनेक परिस्थितियां आती हैं भविष्य में जिन के अनुसार परिवर्तन करना बहुत जरूरी हो जाता है अतः व्यवसाय का प्रारूप ऐसा होना चाहिए जिसमें बदलती हुई परिस्थितियों के अनुरूप परिवर्तन किया जा सके आसानी से इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखें तो साझेदारी और कंपनी संगठन के कि व्यापार अधिक उपयोगी नजर आता है क्योंकि अपने व्यवसाय पर पूर्ण नियंत्रण और समय और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं ख्याल स्वरूप में परिवर्तन किया जा सकता है तो व्यापार में पाई जाती है कि उसके बाद आ जाता है|

उत्पादन के लो प्रोडक्शन व्यवसायिक संगठन का प्रारूप निर्धारित करने में उत्पादन के पैमाने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता उत्पादन बहुत बड़े स्तर पर हो और आधुनिक तकनीक के उपयोग द्वारा प्राप्त करना तो कंपनी संगठन करना चाहिए और यदि छोटे स्तर पर आवश्यकतानुसार संबंधित संगठन या फिर किसी में से चुनाव कर सकते हैं कि युवा वैज्ञानिक डा कि व्यवसायिक आर्थिक दृष्टि से उपयोगी होने के साथ वैधानिक दृष्टि से भी उपयोगी होना चाहिए व्यवसाय सुचारू रूप से तब स्कूल जा सकता है जबकि उससे संबंधित विधान और नियुक्त रूल रेगुलेशन जब तक किसी भी व्यवसाय को आसानी से चलाया जा सकता |

उदाहरण से समझने का प्रयास करें तो भारत में साझेदारी अधिनियम कंपनी अधिनियम सहकारी समिति के संबंध में कानून बने हुए विधान है और नियुक्तियों का जीवन अनिश्चित और विवाह पूर्ण होने बहुत अधिक शांति रहते हैं व्यवसायिक संगठन का प्रारूप चुना जाए यह वैधानिक दृष्टि से उपयुक्त होना चाहिए नियुक्त कर सकते हैं और उसके बाद में दसवां पॉइंट हमारा गोपनीयता की आवश्यकता यदि किसी व्यवसाय में व्यवसाई रहस्यों की गोपनियता वंचित हो जरूरी हो तो व्यापार सबसे अच्छा रहेगा जब स्कूटर कंपनी संगठन में व्यवसाय करें को गोपनीय रखना मुश्किल होता है रखा जा सकता तो जहां पर चीजें सिर्फ अपने तक सीमित रखने किसी और को ना तो वहां पर समझा सकते हैं या फिर कंपनी लास्ट पॉइंट सरकारी नियंत्रण गवर्नमेंट कंट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने वाले व्यवसाय के रूप में का व्यापार 



सरकारी नियमों को पालन करना होता है व्यवसायिक संगठन के रूप में उड़ जाना चाहिए इसमें सरकारी नियमों का पालन भी आसान हो जाएं और व्यवसाय में भी धन अधीर व उपयोगी सिद्ध होगा क्योंकि व्यवसायिक संगठन के प्रारूप तय करने के बाद उसे बदलना बहुत ही कठिन हो जाता है इसीलिए उन व्यवसायिक संगठन के चुनाव का निर्णय बहुत ही सोच विचार कर लेना चाहिए उपयुक्त जो हमने पॉइंट पड़े हैं 11 इस महत्वपूर्ण निर्णय को प्रभावित करते हैं अर्थात किसी एक घटक यह जो पॉइंट से इसको घटक घटक के आधार पर निर्णय नहीं लेना चाहिए घटकों को अनुकूलतम संतुलन स्थापित करना आवश्यक तत्व छोटे पैमाने पर नियुक्त चुनाव करने मध्यस्थ नियुक्त करें यह बहुत बड़े लेवल पर अगर में व्यवसाय करना है तो कंपनी संगठन चूज करना |

जो है वह सही निर्णय रहेगा जहां तक हम सार्वजनिक उपयोगिता की बात करें तो वहां पर सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न प्रारूपों का चुनाव हम कर लेंगे ठीक है तो यह में व्यवसायिक संगठन शुरू करना तो उसके चुनाव के समय में सरकार का गठन करना चाहिए जो सबसे बड़ी खराब कर लेना चाहिए चलते हैं का व्यवसाय प्रारंभ करते समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें या तो हमें क्या समस्या सकते हैं बहुत ही महत्वपूर्ण पॉइंट हैं सबसे पहले व्यवसाय का चुनाव यह परिवर्तन की कार्यप्रणाली में सबसे पहले लिया जाने वाला निर्णय व्यवसाय का चुनाव होता कि मुझे कौन सा व्यवसाय करना है व्यवसाय का चुनाव सोच-समझकर करने की आवश्यकता होती है एक बार व्यवसाय आरंभ करने के बाद उसे बंद करना चाहिए हमेशा ही जोखिमपूर्ण हानिकारक ही रहेगा या फिर बहुत कठिन हो जाता व्यवसाय के चुनाव में सबसे पहले व्यवसाय के प्रकार का निर्णय लेना चाहिए किस प्रकार का विघ्न प्रकार के होते हैं |

सबसे पहले ट्रेडिंग घाघरे में नियुक्त नियुक्त किया और सेवा में ट्रांसपोर्ट कंप्यूटर से रिलेटेड एंट्रीज रिलेटिव व देंगे इस क्षेत्र में आ जाते हैं इसके जरिए है कि वस्तुओं और में का व्यवसाय किया जाएगा और यह देखा जाता है कि उसके लिए कच्चा माल मशीनें श्रमिक अधिक कहां से उपलब्ध होंगे तो शुरू करें लेकिन अधिकार मिलेगा तो फिर क्या होगा टाइम वेस्ट होगा |

बाजार सर्वेक्षण के आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कितने क्षेत्र में इस तरह से उपभोक्ताओं को और मात्रा में सब्सक्राइब करने से पहले वह की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वस्तुओं की क्वालिटी इसकी कीमत उसकी पैकिंग को भी निश्चित किया जा सकता है 

दोस्तों की लागत और संभावित विक्रय मूल्य के आधार पर व्यवसाय की लागत अनुमान पहले ही लगा सकते हैं मैं अपना प्रॉफिट बढ़ाना ना तो हम अपने वस्तुओं की कीमतें नहीं बढ़ाने हमें अपने वस्तुओं की लागत को कम कर लेना है वह क्या होगा कि मार्किट में प्रॉफिट भी हमारा व्यवसाय करते हुए दो प्रमुख तीन दिन बातों को ध्यान में रखना है उसमें सबसे पहला जो घाघरे में जितने जोखिम कम होगा उतना ही सब्सक्राइब कर लेना चाहिए फिर की नियुक्ति व्यवसाय में लाएंगे ऊपर ला सकते हैं और के अंदर व्यवसाय के अंदर होना चाहिए सब्सक्राइब कच्चा माल कहां से ला पाएंगे |

युद्ध में कितने लोग नाम करते समय ध्यान रखना दूसरे व्यवसाय है अपने व्यवसाय की चैन के बाद उसके आकार का निर्णय कर लेना चाहिए व्यवसाय का आकार जितना इतना बड़ा होना चाहिए कि प्रति इकाई औसत उत्पादन लागत न्यूनतम मतलब जो भी प्रोडक्ट हम बनाना है उसमें बनाने की उसकी लागत को कम से कम हो जाता है कि युद्ध में को एक अनुकूलतम इकाई की स्थापना करने चाहिए बिलकुल ही लगानी चाहिए देखने में आता है कि बड़े पैमाने पर व्यवसाय से अधिक प्राप्त होती लेकिन ख्याल निश्चित करते समय यह भी जरूरी है कि ध्यान रखें कि पूंजी व उत्पादन के साधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध गांव लेकिन हम बहुत बड़ा व्यवसाय कैसे लगा सकते हैं सब्सक्राइब महीनों में रखना है कि क्या उत्पाद की प्रकृति ऐसी है कि उसे बड़े पैमाने पर तैयार किया जा सकता है |

जैसे कि फिगर जो व्यवसाय करते हैं कि उसका स्टॉक किया जा सकता है क्या उसकी खबर इतनी ज्यादा है शहर में ठीक है तो यह तो बड़ी जल्दी जो है वह खत्म हो जाए हमारी जाए इसी प्रकार उद्यमी को आधुनिक हम किसको कहते हैं जिसमें व्यवसाय शुरू करना है यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि क्या उसे पर्याप्त मात्रा में वह प्रबंध क्षमता रखता है या नहीं रखता अगर वह प्रबंधन क्षमता बाहर से उपलब्ध करवा सकता है मतलब सैलरी पर रख सकता है या नहीं कर सकता यह भी ध्यान रखने वाली बात है फिर अगला पॉइंट व्यवसाय करता हूं है नवीन व्यवसाय के लिए स्थान उपयुक्त होना बहुत ही आवश्यक है तांत सभी प्रकार के व्यवसाय के लिए उपयुक्त नहीं होता एक फुटकर व्यापारियों के लिए शहर के मध्य भीड़-भाड़ वाले स्थान उपयोग इसके विपरीत अगर बात करें तो एक निर्माण संस्था के लिए अनुपयुक्त यहां पर आसानी से मिल जाए वातावरण और बाजार के निकट हो और की नियुक्ति तो

कि व्यवसायिक स्थान का चयन हो जाता है जब उसके बाद में व्यवसायिक संगठन के स्वरूप का चयन करना चाहिए जो आज की वीडियो में हमने पहले पढ़ा था स्वामित्व की दृष्टि से व्यवसाय राखी स्वामी साझेदारी या फिर से मुक्त पूंजी कंपनी हो सकती है तो हमने यह पब्लिक है पहले ही किस प्रकार से स्वरूप चेंज करना अगर व्यवसाय का आकार छोटा है| 

जो हमने 11 पॉइंट पड़े थे उसमें जो भी हमारा व्यवसायिक संगठन स्वरूप फिट बैठता है हम US का चुनाव कर लेंगे मिस्टर है ने कहा था कि व्यवसायिक संगठन अध्ययन करते समय कुछ कट को ध्यान में रखने का सुझाव दिया तो पड़े थे जैसे कि पूंजी की आवश्यकता पड़ेगी स्वामियों का जो है वह के ऊपर ध्यान रखना में कितने रेगुलेशन कर सकते हैं कि मेघनाद की आवश्यकता घृत ध्यान रखना उत्पादन के पैमाने पर हमें ध्यान रखना है कि युवाओं को अपनी वेबसाइट स्वरूप चूज करना है तो यह सारी चीजें हुए ध्यान में रखना होगा फिर उसके बाद में संगठन संरचना का निर्धारण करने में संगठन संरचना का अभिप्राय एक संस्था में कार्यरत सभी व्यक्तियों के मध्य संबंधों की स्थापना करने से संगठन संरचना के अंतर्गत संस्था के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नियुक्त पदों की स्थापना की जाती है |

क्योंकि प्रत्येक पर व्यक्ति ही कार्य करते हैं इसे उसके अंतर्गत व्यक्तियों के मध्य संबंधों को निश्चित करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है अथवा व्यक्तियों के मध्य संबंध स्थापित करने का अर्थ यह नहीं कि सब्सक्राइब व्यक्ति या संगठन संरचना देख सकते हैं जैसे कि संगठन संयुक्त संगठन मंत्री संगठन समिति युवा कि मैं जो है वह आगे इन फ्यूचर में भी डिटेल में आएगी यह सारी की सारी चीजें वहां पर भी आप पढ़ सकते हैं इन सब के अनेक गुण दोष होते हैं इनके गुणों का अध्ययन करने के पश्चात संगठन संरचना का निर्णय लेना चाहिए तो चलिए अगले फ्लाइट दो संगठन संरचना जो मैंने आपको कुछ उदाहरण दिए |

जैसे कि देख संगठन क्रियात्मक संगठन समिति संगठन इत्यादि लेकिन सभी काम में ध्यान में रख लेना चाहिए हमें किस प्रकार का जो और संगठन का चुनाव करना है बार-बार हम इनको परिवर्तित करने में कठिनाई होती है अगला पॉइंट कर्मचारियों की व्यवस्था अरेंजमेंट फॉर पर्सनल संगठन संरचना तैयार करने के बाद में निश्चित किए गए विभिन्न पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने चाहिए और प्रथम विभिन्न प्रकार के कर्मचारियों की आवश्यकता का अनुमान लगाया जाता है इसके बाद में यह पता किया जाता है कि अवश्य करें यहां से उपलब्ध इसके लिए रोजगार एजेंसी की मदद ले सकते हैं शिक्षण संस्थाओं की मदद ले सकते हैं उन लोगों की मदद ले सकते हैं या फिर एंप्लॉयमेंट ऑफिस की मदद ले सकते हैं |

रिक्त पदों का विज्ञापन करके वंचित कर्मचारियों को भर्ती करने चाहिए मैं पहले इच्छुक व्यक्ति अपना आवेदन पत्र भेजेंगे इसके बाद साक्षात्कार करके उनका चयन कर लेंगे फिर उनको प्रशिक्षण की ट्रेनिंग देंगे जो हमने उनसे करवाना है तो यह सारी चीजें ध्यान में रखना है कि सही समय पर सही व्यक्ति की नियुक्ति की नियुक्ति होने पर पूरे कर सकते हैं अगले वित्तीय पूंजी व्यवसाय प्राणों में में ही यह दूसरा था कि पूंजी जितनी होगी उसी सब्सक्राइब करें यह मात्रा में उपलब्ध होने चाहिए पूंजी उपलब्ध होने पर ही व्यवसाय सफल और निरंतर संचालन की नियुक्ति हो सकते हैं पूंजी की आवश्यकता थी संपत्ति है जिसको फीचर्स एसिड कहते हैं जो हमारा एकाउंटिंग टर्म है चल संपत्ति इसको करंट एसेट के नाम से जानते हैं और दैनिक कार्यों के भुगतान के लिए जरूरी होती है|

कुल पूंजी कितनी हो और उसमें दीर्घकालिक पूंजी तथा अल्प कालीन पूंजी की मात्रा कितनी कितनी हो कि यह व्यवसाय के आकार और प्रकृति पर निर्भर करता है जैसे निर्माण संस्था यह करूंगी तो उनको दूर खेलन पूंजी की आवश्यकता अधिक पड़ेगी और अल्पकालिक पूंजी की आवश्यकता कम पड़ेगी चलिए यह हमारे आलू हमारे करंट टाइम पर नियुक्त व्यापारिक संस्थाओं की जो बिजनेस करते हैं उनको की अधिक आवश्यकता पड़ेगी को समय-समय पर बाजार पूंजी की आवश्यकता पड़ेगी और सब्सक्राइब करने वाली नियुक्तियों और सकते हैं जैसे कि पूंजी की मात्रा का निर्धारण की मात्रा का निर्धारण करते समय में व्यवसाय की तारीख और चालू पूंजियों सब्सक्राइब करें चालू करें करेंगे उन लोगों को जोड़कर को जोड़ कर प्राप्त कर लिया जाता है संपत्तियों में मुख्य रूप से कि भूमि भवन मशीनरी फर्नीचर इत्यादि सम्मिलित किए जाते हैं जबकि चल संपत्ति में कच्चा माल तैयार किया गया माल की लागत किसी को पैसा देना है कि पैसा देवेंद्र कुशवाहा नियुक्त को चल संपत्ति में जिन्होंने पैसा करें हमारी पूंजी की मात्रा का निर्धारण करते समय व्यवसाय के विचार किया जाना चाहिए जिस तरह का निर्धारण पूंजी की मात्रा का निर्धारण के बाद में पूंजी के विभिन्न क्षेत्रों का निर्धारण किया जाता है

फ्रंट पर नियुक्त जो पैसा बाहरी व्यक्ति लगाते हैं उनके छोटे से छोटा डिटेल में टेंशन फ्र लिए बैंक से ऋण लेकर भी प्राप्त किया जा सकता है इसके अलावा प्रतिभूतियों का समय और मूल्य जो सिक्योरिटी सामने क्रीम का प्राइस और कितने टाइम कि युद्ध का निर्धारण हो जाने के बाद में स्थित किया जाता है कि युद्ध कब और किस गांव में पैसा वापिस कर नियुक्त कर लेता महत्वपूर्ण अगर आप व्यवस्था हो जाने के बाद भूमि-भवन मशीन प्लांट फर्नीचर की व्यवस्था की जाए तो हम संपत्तियों की संख्या पर निर्भर करेगी कि प्रकृति पर निर्भर करेगी व्यवसाय का आकार बड़ा खरीदने का जो अपने व्यवसाय शुरू किया उसकी प्रकृति निर्माण होगी तो भी अधिकांश दंपतियों की आवश्यकता पड़ेगी 

हमने पढ़ा था अब हम ट्रेडिंग काम करते हैं तो हमें इन संपत्तियों करें बड़ी ही सावधानी पूर्वक करना क्योंकि इसमें बहुत बड़ी पूंजी व्यवसाय की लग जाएगी और फिर बाद में परिवर्तन करना मुश्किल हो जाएगा को करते समय व्यक्ति करता हूं से पूछताछ कर लेने चाहिए विक्रेता कम मूल्य पर हममें से कर लेना चाहिए क्योंकि हमारी जो यहां पर बहुत सारी यहां पर फिर करें संयंत्र की स्थापना प्लांट को लगा लेते हैं की मशीनरी व अन्य उपकरणों की व्यवस्था करने के बाद अब उन्हें कारखाना भवन में लाने की बारी आ जाती है कारखाने के अंदर मशीनरी एवं अन्य उपकरणों को उचित स्थान पर हिट कर देना चाहिए कि स्थापना इस प्रकार होने चाहिए कम से कम में को फिट कर दिया और सामग्री पर काम करते समय किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करें यह जो है वह लगातार चलता रहा है |

और मशीन का अधिकतम उपयोग कर सकें तो यह ध्यान रखना अपने प्लांट मशीनरी को फिट करने पर कहां पर है कौन से बिल्डिंग के निर्माण का यह सारी की सारी चीजें कर लेना है और फिर इसके बाद आखिरी पॉइंट व्यवसाय आरंभ करना चाहिए हमने कर ली व्यवसाय का चुनाव कर लिया पैमाना चूज कर ले स्थान चूज कर लिया संगठन का स्वरूप व्युअर्स कर लिया संरचना सामने निर्धारण कर लिए कर्मचारियों की भी हमने व्यवस्था कर ली हमने पैसे का भी अरेंजमेंट कर लिया हमने सारी संपत्तियों की व्यवस्था कर ली हमने अपना प्लांट भी लगा लिया अब व्यवसायिक हम शुरू कर लेते हैं उपरोक्त प्रक्रिया को पूरा करने के बाद व्यवसाय आरंभ करने की बारी आ जाती है उत्पादन के सभी साधनों की व्यवस्था हो जाने संगठन ढांचा तैयार हो जाने और सभी पदों पर कर्मचारियों और श्रमिकों की नियुक्ति पर नियुक्त प्रधान की स्थिति जाति विशेष अब यहां पर गदर के लोगों को बाजार दर से उपलब्ध होने वाले नए उत्पाद के सभी गुणों की जानकारी हम कुछ ही दिन में एक और उत्पादन शुरू हो जाता है और दूसरी ओर बाजार में उपभोक्ता जो प्रोडक्ट प्यार करना है उसके मांग करने लग जाते हैं मतलब जैसे ही व्याघ्र करके और यहां पर हमने अपना है वहां पर एक प्रोडक्ट की जानकारी देंगे 

जैसे डिमांड करने लगे गांव व्यवसाय करते समय इस प्रकार के अंतर्गत एक नए विचार को अवस्थाओं से गुजरते हुए शुरू कर दिया अब यह विचार नियुक्त होने पर प्रारंभ किया जा सकता है लेकिन कंपनी मेघनाद को पूरा करना है तो कि इस तरह की चीजें जो है वह हमारी कंपनी की स्थापना की तैयारी चैप्टर में हमने इसको पड़ा था तो यह था आज हमारा टॉपिक है कि व्यवसायिक संगठनों के प्रारूप का चयन जिसके अंदर हमने व्यवसायिक संगठन के स्वरूप का जेवन झाल चर्चा की और साथ-साथ व्यवसाय प्रारंभ करते समय किन किन बातों का हमें मुख्य बातों का ध्यान रखना है कि हमें किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े कि आप सबका आज के ऑनलाइन क्लास के लिए धन्यवाद

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प्रशिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा प्रशिक्षण की विशेषताएं और आवश्यकता | कर्मचारी विकास

प्रशिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा प्रशिक्षण की विशेषताएं और आवश्यकता


आप सबका आज के ऑनलाइन क्लास में स्वागत करता हूं आज हम 12वीं कक्षा के व्यवसाय के अंतर्गत प्रशिक्षण एवं विकास नामक विषय पर चर्चा करेंगे तो बच्चों आज का हमारा टॉपिक प्रशिक्षण एवं विकास ट्रेंनिंग एंड डेवलपमेंट विषय में चर्चा करेंगे तो आज हम सीखेंगे इस टॉपिक अंतर्गत प्रशिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा प्रशिक्षण की विशेषताएं आवश्यकता प्रशिक्षण शिविर में के कर्मचारी विकास और हम चर्चा करेंगे कर्मचारी विकास की आवश्यकताओं पर और साथ ही साथ हम अपने टॉपिक का अंत करेंगे प्रशिक्षण और विकास में अंतर करके| 

चलिए टॉपिक शुरू करते हैं टॉपिक शुरू करने से पहले बड़ी ही महत्वपूर्ण बात है जो आपकी स्क्रीन पर प्रशिक्षण से कर्मचारियों की निपुणता में वृद्धि होती है जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण संपत्ति है तो यहां संपत्ति व कर्मचारियों के लिए कहा गया यह संपत्ति कंपनी की स्थिति में नहीं जो कंपनी की बैलेंस शीट विवरण प्रस्तुत करती उसके अंदर की संपत्ति से संबंधित कर्मचारी फिर भी कंपनी की प्रगति पर इनका प्रभाव होता है इसके लिए कंपनी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते कर्मचारियों का बहुत महत्व होता है हमारी कंपनी में हमारी फैक्ट्री में तो उनके लिए हमें क्या करना चाहिए हमें उनको प्रशिक्षण देना चाहिए क्या नहीं देना चाहिए परीक्षा टेंथ प्रशिक्षण क्या होता है आज हम उसके विषय में जान लेते हैं |

तो सबसे पहले प्रशिक्षण का अर्थ हमेशा की तरह परिभाषा से - "एक विशेष कार्य को करने के लिए कर्मचारी के ज्ञान व कौशल में वृद्धि करने के काम को ही प्रशिक्षण कहा जाता है कि दूसरे को जो भी कर्मचारी को कर रहा है जो को कार्य सौंपा गया उसके प्रति उसका ज्ञान बढ़ाना है और उसकी कार्य करने की कुशलता में वृद्धि करनी है इस चीज को प्रशिक्षण के नाम से जानते हैं |"

दूसरी परिभाषा - "प्रशिक्षण प्रक्रिया है जिसके द्वारा विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए है जो कर्मचारी को करें वॉल्यूम की प्रवृत्ति मतलब और कार्य के प्रति क्या सोचते हैं उनकी नहीं पड़ता है वह कार्य में कितनी कुशलता प्राप्त करते हैं और कार्य करने की उनके पति योगिता जून में वृद्धि की जाती है इस प्रक्रिया को प्रशिक्षण के नाम से जानते हैं|" 

तो सबसे पहले मन में एक प्रश्न यह उठता है कि क्या प्रशिक्षण जरूरी है कि अनिवार्यता है तो हमें यह समझ लेना जरूरी होगा कि प्रशिक्षण दिया जाता है अगर समझने का प्रयास संस्था कर्मचारियों के प्रशिक्षण की ओर कोई ध्यान नहीं चाहिए कि उसने प्रशिक्षण पर होने वाले खर्चे को बचा लिया कि इस प्रशिक्षण बढ़ जाता है कर्मचारी नियुक्त करें फिर गलती को मालूम करें और उसके बाद गलती को दूर करने का प्रयास करें यह प्रशिक्षण जो कि नियुक्त महंगा पड़ता है इस प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारी समय और धन की बर्बादी करते हैं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया ही जाना चाहिए जो कि संस्थान कर्मचारी दोनों ठीक हित में होगा जो मेरी डेफिनेशन भी घी जो है वह हमारी भूमिका निभा रहे हैं यह बताने का प्रयास करें कि प्रशिक्षण व कर्मचारियों के लिए कितना महत्वपूर्ण है मतलब जो प्रशिक्षण

प्रशिक्षण लिया उसकी क्वालिटी की वस्तु बना सकता पर वस्तु को बना सकता है और कम समय में उसको बना सकता है जिसमें करना पड़ेगा कम समय में ज्यादा अच्छी क्वालिटी की वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण लेते हैं तो अगर हम अच्छे से समझ सकता है और अगर आप अच्छे से समझ में आ जाता तो हम इसकी विशेषताएं बना सकते हैं को सबसे पहले इसकी विशेषता प्रशिक्षण पर खर्च विनियोग है ना कि आप प्रशिक्षण की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यही है कि इस पर किया गया खर्च खर्च नहीं होता अर्थात प्रशिक्षण पर खर्च किया जाएगा ताकि लंबे समय तक तरह का योग न जाकर रिटर्न मिलेगा उसके बदले में कुछ फायदा मिलेगा जो है 

वह प्रशिक्षण पर खर्च कर रहे हैं तो यह सबसे बड़ी विशेषता प्रशिक्षण विशेषज्ञ संबंधित प्रशिक्षण व कर्मचारियों के सामान्य ज्ञान में वृद्धि करना नहीं होता बल्कि इस के द्वारा उनको किसी विशेष कार्य में विशेष कार्य करके जो कर्मचारी घोषित करने वाला है तो वह इस कार्य से संबंधित प्रशिक्षण होता है संस्था व कर्मचारी दोनों के लिए लाभदायक होता है प्रशिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे सरकार दोनों को ही प्राप्त है और यह संस्थान कम लागत में अधिक उत्पादन होना शुरू हो जाता है वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ने से कम समय में अधिक और बहुत अच्छा उत्पादन अधिक पारिश्रमिक पीर वो और सबसे बड़ी चीज किसी कार्य को करने का प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते हैं तो उस हुए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में बहुत अधिक तो यह बेनेफिट्स मिल रहा है |

दोनों को हम सब जानते हैं कि अगर हमें बढ़ाना है तो हम वस्तुओं की कीमत बढ़ाने की वजह उसकी लागत कम करने का प्रयास करें मार्किट में अच्छे ढंग से कर सकते हैं और अपनी प्रॉफिट को बिना वस्तुओं की कीमत बढ़ा सकते हैं अघ्र्य लगाओ निकलती है प्रक्रिया प्रशिक्षण कोई एक ऐसी प्रक्रिया नहीं है जो किसी कर्मचारी को हमेशा के लिए एक ही बार में कार्य संबंधी पूर्ण ज्ञान प्रदान कर दे संस्थान में जब भी कोई नई कार्यविधि आएगी कोई नई टेक्निक हम जो है वह प्रयोग करेंगे तो प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस होगी अर्थात जब व्यवसाय में कोई भी परिवर्तन होता है तब तक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और व्यवसाय में परिवर्तन होते रहते हैं समय-समय पर तो प्रशिक्षण लगातार चलने वाली प्रक्रिया है अगला पॉइंट हमारा प्रशिक्षण तथा विकास में अंतर होता प्रशिक्षण तथा प्रशिक्षण का अर्थ होता है वह कर्मचारियों के बीच कार्य पूर्ण होता है 

विकास के अंतर्गत सभी क्षेत्रों में जानकारी प्रदान करने के बाद में करें थोड़ा सा ही जिसका इंट्रोडक्शन है सिर्फ का प्रशिक्षण सत्रों के कर्मचारियों के लिए जरूरी होता है कि युद्ध में अधिक महसूस होती है तो हम डिफरेंट जब लास्ट में पढेंगे इस टॉपिक में तलाशी का वीडियो देखेएगा तो उसमें आपको इसका अंदर जो है वह ज्यादा डिटेल में समझाया जाएगा प्रशिक्षण और शिक्षा में अंतर कि प्रशिक्षण द्वारा किसी विशेष कार्यों को करने के लिए कर्मचारियों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि की जाती हैं जबकि शिक्षक द्वारा कर्मचारियों के सामान्य ज्ञान व समझ में वृद्धि की जाती है अगर हम उदाहरण से इस चीज को समझने का प्रयास करें और कि जब एक कर्मचारी को कुछ पुर्जों को जोड़कर एक नई मशीन बनाना सिखाया जाता तो यह प्रशिक्षण कहलाता है जबकि कोई व्यक्ति इंजीनियरिंग का कोर्स करता है तो इसे हम शिक्षक श्रेणी में रखते हैं मेरे अगले विशेषता सभी कर्मचारियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षित स्टाफ हो गया जिसका आम बजट बनाना है दैनिक उत्पादन की सूची तैयार करने का कार्य करने का कार्य रिकॉर्ड रखने का मतलब स्कूल किसी भी प्रकार का होता है घ्र घ्र प्रबंधक प्रबंधक प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ती है

जैसे मैंने भी बताया कि सभी से निम्न स्तर का हो समय तक पहुंचे उच्च स्तर का हो सभी शत्रुओं पर जो है वह प्रवण क्षेत्रों पर जो है वह प्रशिक्षण की आवश्यकता हमें होती है अगला पॉइंट चाहिए के प्रशिक्षण की आवश्यकता अभी इसी ऑनलाइन क्लास के अंदर हमने प्रशिक्षण की अनिवार्यता पर थोड़ी चर्चा की थी कि अगर कोई सोच ले कि मैं प्रशिक्षण पर होने वाले खर्चे को बचा लूं तो उसका हमने जो है वह नुकसान उदाहरण के द्वारा जो है वह समझने का प्रयास किया था कि एक कर्मचारी गलती करेगा फिर उसको गलतियां ढूंढने का प्रयास करेगा फिर उस गलती को दूर करने का प्रयास करेगा जिससे वह अपने समय को और पैसे को और जो कच्चा माल है उसको जो आपको बार-बार खराब करेगा तो वह कस्टम जगह बहुत है महंगी पड़ जाएगी |



लेकिन आज जब की व्यवसायिक जगत में लगातार परिवर्तन हो रहे तो प्रशिक्षण की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है दिन प्रतिदिन विभिन्न कार्य करने के लिए नई-नई तकनीकों का विकास हो रहा है जिसकी वजह से बार-बार प्रशिक्षण देने की आवश्यकता जो है वो कर्मचारियों को रहती है के लिए थोड़ा सा और डिटेल में इस टॉपिक हम समझते हैं संस्था को क्या लाभ हो सकता है प्रशिक्षण की कि अब सकता अगर हम महसूस करें तो सबसे पहले माल और मशीन का सही प्रयोग संस्था में कार्य करने वाले प्रत्येक कर्मचारी चाहे किसी भी स्तर का चुनाव माल एवं मशीन का प्रयोग करता है उदाहरण के लिए निम्न स्तर पर उत्पादन कि युवाओं एवं माल का प्रयोग होता है उद्धरण पर कार्यालय में कंप्यूटर कंप्यूटर पर सब कुछ सामग्री का प्रयोग में प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ती फिर उसके बाद में उत्पादन में सुधार उत्पादन की मात्रा में सुधार हो जाता है प्रशिक्षण से जिसके चलते उत्पादन लागत में कमी यह मैंने आपको पहले बताया कि अगर हमें बढ़ाना है तो हम अपने वस्तु की कीमत ज्यादा किए बगैर अगर हम इसकी कॉस्ट कंट्रोल को बनाने की घृणा को कम करो तोहरा प्रॉफिट ऑटोमेटिकली बढ़ जाएगा यह समझ लेना जरूरी है कि उत्पादन का अभिप्राय मशीनों द्वारा तैयार की गई बल्कि सभी प्रबंध किए जाने वाले कार्यों से सब्सक्राइब करें और में वृद्धि और अच्छे से करना शुरू कर देते हैं यह था|

प्रशिक्षित कर्मचारी अपने कार्य में निपुण हो जाते हैं मतलब कार्यरत ना बहुत कुशलता से करने लग जाते हैं जिसके कारण पर वैकुंठ सुपरवाइजर जो उनके काम की देखरेख करता है उसको अधिक समय नहीं लगता और इस बचे हुए समय को सदुपयोग करके रचनात्मक कार्यों में कर सकता है कि श्रम परिवर्तन जरूर अनुपस्थिति में कमी कर्मचारी संस्थान के वातावरण और कार्य से अधिक संतुष्ट हो जाते हैं जो व प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते हैं क्योंकि उनको काम करने के तरीके आ जाते हैं उससे क्या होता है कि उनकी संस्था को छोड़कर जाने और अनुपस्थित रहने की जो एक कर्मचारी के अंदर जो है बढ़ती है वह खत्म हो जाती है |

फिर ग्रहणशीलता में वृद्धि लगातार प्रशिक्षण से कर्मचारियों का मानसिक विकास होता है परिणाम स्वरूप होता है वह नई तकनीकों को अतिशीघ्र स्वयं ही ग्रहण करने लगते हैं इसके अलावा नई चीजों को सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं तो यह और कर्मचारियों को प्रशिक्षण कार्य क्षमता में वृद्धि की इस प्रशिक्षण में किसी विशेष कार्य को विधिपूर्वक करने की कला सिखाई जाती है इससे कर्मचारियों की कार्य करने की क्षमता बढ़ती हैं दूसरा वह अपने कार्यकुशलता में वृद्धि कर लेते हैं दूसरा पॉइंट बाजार मूल्य में वृद्धि की को प्रशिक्षित कर्मचारियों का बाजार मूल्य अधिक होता है बाजार मूल्य अधिक होने से भी प्राय उन्हें दूसरी संस्थाएं अधिक पारिश्रमिक पर नियुक्त करने के लिए हमेशा तैयार रहती है तो रिजल्ट क्या होता है कि यदि किसी कर्मचारी की अजय को एक संस्था में जो है वह अनकंफर्टेबल फील हो रहा है वह अच्छे से महसूस नहीं कर पा रहा है तो इसको लगाया है कि से कम परिसर मिल रहा है तो वहीं दूसरी संस्थाओं में आसानी से जा सकता है तो यह कर्मचारियों को यह लाभ होगा फिर इसके अलावा दुर्घटनाओं में कमी आती दुर्घटनाओं में कमी आने से | 

वहीं दूसरे कर्मचारियों को उनके जीवन जीने की कला दुर्घटनाओं से बचे रहते हैं और यह प्रशिक्षण की सबसे बड़ा संतोष जी कि एक कर्मचारी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण जो बात होती है वह कार्य संतोषी अति जॉब साइट्स पर है अर्थात वह है जो कार्य कर रहा है उसे पूरा करने के प्रति वह संतुलित रहता है किसी कार्य से पूरी तरह से संतुष्टि तभी मिलती है जब एक कर्मचारी उस कार्यों को करने में निपुण हो वह इसमें आनंद महसूस करता है तथा कार्य में निपुणता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण बहुत जरूरी है अतः प्रशिक्षण द्वारा कर्मचारियों को अपने कार्य में संतुष्टि प्राप्त होती है और उनके अंदर एक मोटिवेशन पैदा होता है कि आत्मविश्वास वह उन चैनल डेवलप होता है कुछ कर्मचारियों के सामने दो तरीके से| 

अगले टॉपिक पर चलते शिक्षण की विधियां वह कौन-कौन सी सकते हैं घ्र मे ने प्रशिक्षार्थियों को एक मशीन अथवा कार्यशाला दवा प्रयोगशाला में किसी विशेष कार्य को करने के लिए कहा जा सकता उनके साथ में अनुभवी कर्मचरियों कोई विशेषज्ञ पर्यवेक्षक के द्वारा औजारों का प्रयोग किया ही को मशीन को चलाना किस प्रकार से वह चलानी है यह सभी काम जगह सिखाते हैं एक नार्मल चीजों कि मैं बात कर रहा हूं 

लेकिन हम आज पढेंगे कि हम किस किस प्रकार से जगह विधियां से वापस दो तरीके हैं कार्य पर प्रशिक्षण दिया |चलिए सबसे पहले पढ़ते हम कार्य पर प्रशिक्षण मतलब है जॉब करते करते हैं या उसी कार्यस्थल पर कार्य करते-करते जो है वह किस प्रकार से ट्रेनिंग दी जा सकती है सबसे पहला पॉइंट नवसिखुआ कार्यक्रम कि अपरेंटिस आपने सुना होगा यह सब इस विधि का प्रयोग वहां किया जाता है जहां किसी विशेष कार्य पूर्णत कि प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता कंप्लीट जहां पर है वह किसी कार्य को करने की दशा वहां पर हम नव है सिकुड़ कार्यक्रम जगह चलाते हैं इसमें प्रशिक्षण लेने वाले व्यक्ति को एक निश्चित समय तक किसी विषय के साथ काम करना पड़ता है जैसे उदाहरण अगर हमने तो बिजली का काम हो गया| 

तो वह क्या करता है कि किसी व्यक्ति के साथ जिनको जिसको बिजली का काम बहुत अच्छे से आता है वह उसके साथ जो है वो काफी महीने रहकर प्रैक्टिस करता है प्लंबर का काम हो गया लोहार का काम हो गया दी इसी प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाते हैं प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा कार्य कि कि सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक दोनों पहलुओं की पूर्ण जानकारी दी जाती है तो फिर दूसरा शिक्षकों की नियुक्तियों को पहले से काम कर रहे हैं किसी अनुभवी व्यक्ति को कहा जा सकता है कि कुछ समय तक वरिष्ठ प्रबंधक की कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास करता है इसके साथ घृणा करता रहता है तो इस प्रकार की शिक्षा देने को कहते हैं जिसमें सीनियर के साथ जूनियर को छोड़ दिया जाता है


प्रशिक्षण इंटेंसिव ट्रेंनिंग उसको कहा जाता है संयुक्त प्रशिक्षण प्रणाली द्वारा तकनीकी संस्थाएं या व्यवसायिक संस्थाएं मिलकर अपने सदस्यों को प्रदान करती हैं इस प्रशिक्षण का उद्देश्य सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक जीवन में संतुलन स्थापित करना होता है मतलब छोटी-छोटी और प्रैक्टिकल हैं हम बैलेंस बनाकर इस प्रशिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करती हैं लेकिन व्यवहारिक ज्ञान के लिए को सबस्क्राइब जाता है मतलब स्कूल और फिर से वह बाहर की फैक्ट्री किसी कंपनी में अपने यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दे कि इस विधि का उद्देश्य क्या होता है एक अधिकारी को संस्था के सभी विभागों की जानकारी प्रदान करना अधिकारी को पहले एक विभाग देंगे जैसे कि उत्पादन विभाग दे दिया फिर उसके बाद थोड़े समय बाद उसको जगह गृह विभाग दे दिया |

फिर थोड़े समय उसके बाद जो है वह इसको वाणिज्य विभाग दे दिया तो ऐसे ही जगह बदली करके जो है वो हम उसको प्रत्येक कार्य का प्रशिक्षण दे सकते हैं तो हमारे पास कार्य पर प्रशिक्षण की चार विधियां हैं अब जान लेते हैं कार्य सेट करें कि आफ्टर चौक ट्रेनिंग किस प्रकार करती है सबसे पहला जाता है कक्षा व्याख्या क्लास वृक्ष अब इस प्रशिक्षण में प्रबंधकों के सैद्धांतिक ज्ञान की वृद्धि की जाती है अर्थात उन्हें विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए नई-नई जानकारियां दी जाती हैं जैसे कि आप अ कक्ष में सीखते थे अभी तो नहीं लग पा रही है लेकिन अब हम उसी का ही ऑनलाइन जो है वह वर्जन कर रहें हैं जो कि लड़ने के नाम से जाना जाता है तो यह क्लास रूम चेंज आएगा उनको सिखाई जाती है फिर चलती तक कि फिल्म सिटी अधि चलचित्र एक बहुत ही जो है प्रचलित प्रविधि है जहां कौशल का प्रदर्शन करना जरूरी हो इसका सम्मेलन चर्चाओं निकल कॉन्फ्रेंसेस इत्यादि में बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है इन छोटी-छोटी फिल्में दिखाकर भी प्रशिक्षण जगह दिया जा सकता है| 

फिर कंप्यूटर मॉडलिंग कि यह कंप्यूटर पर आधारित प्रशिक्षण होता है जिसमें प्रसिद्ध ट्रेन जो होता है अपने कौशल में वृद्धि के लिए कंप्यूटर का प्रयोग करता है इस विधि में प्रयोग वहां होता है जहां पर प्रशिक्षण अधिक जोखिम और महंगा हो जैसे कि टाइम को प्रभावहीन बनाने की ट्रेनिंग के लिए नहीं कर सकते इसमें करें कंप्यूटर द्वारा छोटे-छोटे प्रोग्राम बनाकर हम इस तरह की ट्रेनिंग देते हैं तो फिर हमारा जाता है पर कॉस्ट शाला प्रशिक्षण इस पद्धति के अंतर्गत नहीं कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से अलग से एक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना कर ले अनुभव एवं प्रशिक्षित शिक्षकों को शिक्षक नियुक्त कर दिया जाता है इस केंद्र में हजारों और मशीनों को लगाया जाता है ताकि कारखाने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है वह तैयार की जाती है 

और वहां पर को प्रशिक्षण दिया जाता है तो फिर आ जाता है नियोजित अनुदेश प्रोग्राम टेंशन इस पद्धति के जन्मदाता जो है वह Bigg Boss यह यदि असंतुष्ट होकर इस पर विचार समय में सबसे बड़ी समस्या सभी पहलुओं पर विचार किया जाता है जबकि विदेशों में इसे सब्सक्राइब के ऊपर किया जाता है नियोजित अनुदेशक में एक संक्षिप्त घटना को कक्षा में विचार के लिए रखा जाता है शिक्षक एवं विद्यार्थी आपस में उसके ऊपर तर्क-वितर्क करते हैं और समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं है सर इस विधि का मुख्यालय इसमें विद्यार्थी प्रशिक्षक से पूछकर महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठी कर लें तो हमारे पास में यह कुछ क्षण डिपेंड करता है कंपनी कंपनी को इस प्रकार से कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए का प्रस्ताव दिया अब बात कर लेते हैं कर्मचारी भी खा लो तो क्या होता कर्मचारी विकास प्रबंधकों को संपूर्ण प्रभावशाली बनाना और भविष्य में अधिक जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार करना कर्मचारी विकास कहा जाता है या फिर कहें तो मानव संसाधन विकास जो हमने पहले पिछले चैप्टर में कि इस सौदे से क्या होता है इस संस्था में ऐसे प्रबंधक तैयार करना जो वर्तमान में बढ़िया काम तो करेंगी लेकिन सांसद भविष्य में ऊंचे पद पर जाकर अधिक उत्तरदायित्व वहन करने योग्य भी बन सकें |

क्रमिक विकास छोटा सा अर्थ है है तो के कारण परिणाम सहजता से योजना व कर्मचारी जो है वह ले सकें इस प्रकार की चीजें आसानी से चीजों को समझ सकते हैं यह कुछ कर्मचारी विकास के जो है वह सकते हैं इसके कुछ विशेषताएं करने का प्रयास कर लेते हैं और थोड़ा सा चलिए हो जाएं तो कर्मचारी विकास का क्या है कि उनको भविष्य में और उत्तरदायित्व लेने योग्य बनाने के प्रबंधकों को


सबसे पहले प्रबंधकों से संबंधित में यही था कि इसका अर्थ था प्रबंधकों को भविष्य में और उत्तरदायित्व नियुक्त कर्मचारियों को आता है कि प्रकरण जो है वह करंट जो अभी वो काम कर रहे हैं उसमें तो उनको एपिसेंटर बनाना है साथ भविष्य में भी और ज्यादा अच्छा कार्य करने के योग्य उनको बनाना फिर भविष्य में अधिक ध्यान दे रहे हैं डेफिनेशन में यह भविष्य के लिए और अधिक उत्तरदाई बनाना है तो भविष्य पर ध्यान केंद्रित प्रति संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर जोर देते हैं संघ का मतलब उसके क्राइम डेवलपमेंट हम करते हैं किसी को नहीं छोड़ा जाता भविष्य को ध्यान में रखा जाता है कि भविष्य में इस प्रकार से हम किसी भी ले सकते हैं तो वह संपूर्ण व्यक्तित्व के ऊपर विकास की बात करते हैं फिर उसके बाद हमारा जाता था प्रशिक्षण के स्थान पर शिक्षण-प्रशिक्षण तो एक तरह से इंडस्ट्रियल एरिया वह बहुत ज्यादा चलता है कि को वर्कर से काम करवाना होता है| 

फिर इसके अलावा भी हो सकती है छुपी प्रतिभा को विकसित करें कि उपयोग में लाना हो सकता है कि कोई ऐसा हमारे पास में जो है प्रबंधक हो जिसके पास में दूसरा विवाह हो जब हम उनके अभिभावकों की बदली करते हैं जो हम एक विभाग से दूसरे विभाग में उनको बेचते हैं वहां कर्मचारी विकास के अंतर्गत आता है तो वहां पर हो सकते हैं किसी विभाग में वह बहुत अच्छा कार्य पर पैर और अगर हम इसे पहलुओं को नहीं अपनाते हैं कर्मचारी विकास के ऊपर नहीं सकते हैं प्रशिक्षण के ऊपर नहीं चलते हैं तो हो सकता है कि हम उसे वह काम कभी इन भविष्य में दे ही ना पाएं तो एक भी सबसे बड़ी विशेषता है कि यह कर्मचारी विकास किए थे लास्ट में तार्किक योग्यता जो है वह इसके अंदर डेवलप होती है तो कर्मचारी विकास में |

जैसे कि डेफिनेशन में भी ताकि और अधिक उत्तरदाई तो इनके लिए तैयार करते हैं तो इसका कर्मचारी भी खासकर सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि चार की योग्यता इसके अंदर डेवलप की जाती है मतलब तर्क देना वह इसके अंदर सीखते हैं कि अब कर्मचारी विकास की आवश्यकता के हम बात कर लेते हैं हैं सबसे पहला पॉइंट इसके अंदर आ जाता है हमारा आवश्यकता के अंदर कर आर्थिक उत्तरदायित्व प्रबंध को अधिक उत्तरदायित्व वहन करने योग्य जो है भोग बनाता है कर्मचारी विकास फिर दूसरा पार्ट हमारा प्रबंधकों की पदोन्नति का रास्ता तैयार करता है कि डेवलपमेंट फोरम ने बात की थी कि भविष्य के लिए जो है वह तरह तो सेंड करने योग्य बनाता है तो उनकी भविष्य में पदोन्नति होने के चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं फिर उसके बाद में प्रबंधकों में कारण और परिणाम में संबंध स्थापित करने की योग्यता भी पैदा हो जाती है |

और उसके बाद में के प्रबंधकों में प्रभावी निर्णय लेने की शक्ति भी पैदा होती है तो इस तरह से ना इन सभी पॉइंट्स को गर्म देखिए तो भविष्य की तरफ इशारा कर रहे हैं सभी के सभी बैंक है और कार्यकुशलता में वृद्धि हो जाती है है और प्रबंधकों का बाजार मूल्य भी बढ़ जाता है जब वह प्रशिक्षित होते हैं अच्छी प्रकार से इनकी विकास कि हम बात करते हैं छह प्रकार से तो फ्यूचर में इनको किसी दूसरी कंपनी से या मार्केट कि इनकी वैल्यू जो है वह बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि यह पूर्ण रूप से भविष्य के लिए एक तरह से प्यार प्रबंधक के रूप में वह मार्केट में अवेलेबल होते हैं चलिए आज का हमारा 

लास्ट पॉइंट प्रशिक्षण और विकास में अंतर तो हम बेसिस पर चलते हैं और उसके बाद में मैं इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण और विकास के बारे में चर्चा करना सबसे पहले अर्थ प्रशिक्षण में ज्ञान और कुशलता वृद्धि की बात की जाती हैं उसकी प्रक्रिया की बात करते हैं हम जबकि विकास में हम सीखने की प्रक्रिया की बात करते हैं ठीक है प्रशिक्षण में ज्ञान और कौशल वृद्धि की बात करते हैं हम जॉब विकास के अंदर हम सीखने की प्रक्रिया कि हम बात करते हैं |

फिर उद्देश्य प्रशिक्षण का उद्देश्य कार्य संबंधी विशेष कुशलता वृद्धि करना होता है हमने डेफिनेशन से हमने पढ़ा था सिर में विशेष कार्य जबकि विकास का उद्देश्य एक व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व में वृद्धि करना होता है तीसरा कैरियर का प्रशिक्षण जॉब प्रधान प्रक्रिया है जबकि जो विकास जब को कैरियर प्रधान पर जड़िया प्रशिक्षण से जल्दी से सब्सक्राइब कर लें प्रशिक्षण के क्षेत्र में शांति और विकास प्रशिक्षण के अंतर्गत ग्राम विकास की बात करें तो अब स्क्रीन और प्रशिक्षण का ही होता है इसके अंदर कदम रखते हैं और प्रकृति ने प्रशिक्षण संबंधी कार्य होता है कि संबंधित व्यक्ति होता है जब तक यह तो हमारा आज का टॉपिक प्रशिक्षणऔर कोई नहीं है |

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"प्रशिक्षण का अर्थ हिंदी में"
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बुधवार, 20 अप्रैल 2022

Daily One Liner GK | 20.04.2022

 Daily One Liner GK | 20.04.2022

 

●हाल ही में जिस शहर में 'हुनर हाट' (Hunar Haat) के 40वें संस्करण का उद्घाटन किया गया- मुंबई

● भारत के अगले थल सेना प्रमुख जो होंगे- लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे

● भारत और जिस देश ने क्वांटम कंप्यूटिंग पर एक वर्चुअल नेटवर्क सेंटर स्थापित करने के निर्णय की घोषणा की- फिनलैंड

● राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने जिस शहर में 10 दिवसीय राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया अभ्यास का उद्घाटन किया- नई दिल्ली

● विश्व बैंक ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण 2022 के लिए वैश्विक विकास अनुमान को 4.1 प्रतिशत से घटाकर जितने प्रतिशत कर दिया है- 3.2 प्रतिशत

● सभी विषयों तथा परीक्षाओं के फ्री ऑनलाइन टेस्ट देने के लिए TestUp वेबसाइट पर जाएं। इसके लिए Google पर TestUp लिखकर सर्च करें अथवा गूगल प्ले स्टोर से TestUp एप डाउनलोड करें - TestUp

● यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने जिस देश के राष्ट्रपति से रूस के लिए “आतंकवाद के प्रायोजक राज्य” टैग की मांग की है- अमेरिका

● विश्व यकृत दिवस (World Liver Day) जिस दिन मनाया जाता है- 19 अप्रैल

 

 

Top 34 GK Q/A 20.04.2022 | सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

Top 34 GK Q/A 20.04.2022 | सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

Top 34 GK Q/A 20.04.2022 | सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर



1. सांची के स्तूप का निर्माण किसने कराया
-- अशोक ने

2. मेगस्थनीज ने किसके दूत के रूप चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में
आया था
-- सेल्यूकस

3. मुद्रा राक्षस किसने लिखी थी
-- विशाखदत्त

4. अशोक ने अपने पुत्र महेन्द्र व पुत्री संघमित्रा को कहां भेजा
-- श्रीलंका

5. कौनसा मौर्य सम्राट जैन धर्म ग्रहण करके श्रवण बेलगोला
चला गया
-- चन्द्रगुप्त मौर्य

6. अन्तिम मौर्य समा्रट कौन था
-- बृहद्रथ

7. महाभाष्य के लेखक
-- पंतजलि

8. पंतजालि किसके दरबार में था
-- पुष्यमित्र शुंग के

9. कनिष्क किस वंश का शासक था
-- कुषागवंश का

10. कनिष्क की राजधानी कहां थी
-- पुरूषपुर

11. भारत में सबसे पहले सूर्य किस राज्य में निकलता है?
-- अरुणाचल प्रदेश

12. भारत का सर्वोच सम्मान कौन सा है?
-- भारत रत्न

13. भारत रत्न से सम्मानित प्रथम भारतीय महिला कौन थी?
-- इंदिरा गाँधी (1971 में)

14. भारत में मानसून सबसे पहले कहा आता है?
-- केरल राज्य में (जून के प्रथम सप्ताह में)

15. भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति किस स्थान पर हुआ था?
-- बोधगया

16. भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था?
-- लार्ड विलियम बैंटिक

17. चन्द्रमा पर मानव भेजने वाला प्रथम देश कौन है?
-- संयुक्त राज्य अमेरिका (U.S.A)

18. रतौंधी किस विटामिन की कमी के कारण होता है?
-- विटामिन A के कारण

19. कागज का अविष्कार किस देश ने किया?
-- चीन (China) ने

20. सौर प्रणाली के खोजकर्ता कौन है?

-- कॉपरनिक्स

21. हिंदी भाषा की लिपि कौन सी है?
-- देवनागरी लिपि

22. इंसुलिन का प्रयोग किस बीमारी के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है?
-- मधुमेह के इलाज में

23. भारत में सर्वाधिक वर्षा कहा होती है?
-- मासिनराम (मेघालय) में

24. भारत की पहली महिला शाशिका कौन थी?
-- रजिया सुल्तान बेगम

25. टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था?
-- जॉन लोगी बेयर्ड ने

26. जलियावाला बाग हत्याकांड कहा और कब हुआ था?
-- अमृतसर (1919 ई०) में

27. सर्वाधिक चमकीला एवं गर्म ग्रह कौन सा है?
-- शुक्र ग्रह

28. भारत-पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा कौन सी है?
-- रेडक्लिफ रेखा

29. मछलिया अपना साँस किसकी सहायता से लेती है?
-- गलफड़ो की सहायता से

30. भारत की प्रथम महिला राज्यपाल कौन थी?
-- सरोजनी नायडु

31. 'ब्रह्म समाज' के संस्थापक कौन थे?
-- राजाराम मोहन राय

32. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक कौन है?
-- डॉ. विक्रम साराभाई

33. 'तुम मुझे खून दो, मै तुम्हे आज़ादी दूंगा' का नारा किसने दिया?
-- सुभाष चन्द्र बोस ने

34. बक्सर का युद्ध कब हुआ था?
-- 1764 ई० में

35. माउंट एवेरेस्ट पर दो बार चढ़ने वाली प्रथम महिला कौन थी?
-- संतोष यादव

करेंट अफेयर्स - 11 जनवरी 2022


विपणन की अवधारणा: व्यवसाय अध्ययन

विपणन की अवधारणा: व्यवसाय अध्ययन परिचय विपणन व्यावसायिक अध्ययन का एक अभिन्न अंग है और किसी भी संगठन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है...